By अभिनय आकाश | Apr 18, 2025
शिक्षा में जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विधायी कार्रवाई के आह्वान को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से त्वरित समर्थन मिला है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में सिद्धारमैया ने घोषणा की कि राज्य सरकार सामाजिक न्याय को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए जल्द से जल्द ‘रोहित वेमुला अधिनियम’ पेश करेगी। मैं राहुल गांधी को उनके हार्दिक पत्र और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार कर्नाटक में रोहित वेमुला अधिनियम लागू करने के अपने संकल्प पर अडिग है। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी छात्र को जाति, वर्ग या धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना न करना पड़े।
सिद्धारमैया ने कहा कि हम रोहित, पायल, दर्शन और अनगिनत अन्य लोगों के सपनों का सम्मान करने के लिए जल्द से जल्द यह कानून लाएंगे, जो सम्मान के हकदार थे। यह डॉ. बीआर अंबेडकर के समान, दयालु भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम होगा। कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर वह केंद्र में सत्ता में आती है तो वह राष्ट्रीय स्तर पर रोहित वेमुला अधिनियम लागू करेगी। प्रस्तावित कानून का उद्देश्य परिसरों में जातिगत और सांप्रदायिक अत्याचारों को संबोधित करना है, यह सुनिश्चित करना है कि सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि के किसी भी छात्र को रोहित वेमुला के साथ हुए भेदभाव जैसा भेदभाव न सहना पड़े।
सिद्धारमैया को लिखे अपने पत्र में राहुल गांधी ने भारतीय शिक्षण संस्थानों में जातिगत पूर्वाग्रह की स्थायी समस्या को उजागर करने के लिए डॉ. बीआर अंबेडकर की विरासत का हवाला दिया। उन्होंने दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के छात्रों और शिक्षकों के साथ हाल ही में हुई बातचीत से प्राप्त अंतर्दृष्टि साझा की, जिन्होंने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में जाति-आधारित भेदभाव का सामना करने की बात कही।