बाजार में चीनी लहसुन की अधिकता से कर्नाटक के किसान चिंतित

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 02, 2024

दक्षिण कन्नड़, उडुपी और उत्तर कन्नड़ जिलों के दूसरी श्रेणी के शहरों और छोटे कस्बों में चीन से आयातित लहसुन की अधिकता है, जिससे क्षेत्र के किसान चिंतित हैं। मंगलवार को व्यापारियों और उत्पादकों ने शिवमोगा के बाजारों में चीनी लहसुन की भरमार पर निराशा जताई थी।

व्यापारियों की शिकायतों के बाद, उडुपी नगर आयुक्त बी रायप्पा ने एक थोक व्यापारी के परिसर पर छापा मारा और आदि उडुपी में कृषि उपज और पशुधन बाजार समिति (एपीएमसी) यार्ड से पांच क्विंटल चीनी लहसुन जब्त किया।

उन्होंने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि चीनी लहसुन की वैधता सुनिश्चित करने के बाद ही वह इसे बाजार में उतारेंगे। व्यापारियों ने कहा कि भारतीय लहसुन की कीमत 250 रुपये प्रति किलो है, जबकि चीनी लहसुन 50-60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राहक चीनी लहसुन को इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि यह बड़ा होता है और इसे छीलना और कुचलना आसान होता है।

मंगलुरु में एपीएमसी अधिकारियों के अनुसार, चीनी लहसुन थोक विक्रेताओं के पास मौजूद व्यापार लाइसेंस के तहत बाजार में आया है। उन्होंने कहा कि खुदरा व्यापारियों को चीनी लहसुन का व्यापार करने के लिए विशेष व्यापार लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।

पुराने बंदरगाह क्षेत्र के एक थोक व्यापारी मोहम्मद इशाक ने पीटीआई-को बताया कि चीनी लहसुन भारतीय बाजार में समय-समय पर दिखाई देता है। हालांकि, उनके अनुसार, यह बाजार में मूल्य स्तर को संतुलित करता है।

इशाक ने कहा कि चीनी लहसुन की आमद के कारण भारतीय लहसुन के दाम घटकर 175 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ जाएंगे। भारतीय लहसुन अभी 200-225 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा है।

प्रमुख खबरें

X पर 200 मिलियन फॉलोअर्स वाले पहले शख्स बने एलन मस्क, Top 5 की लिस्ट में ये नाम शामिल

Karnataka: सीएम सिद्धारमैया का बड़ा दांव, 18 अक्टूबर को कैबिनेट में पेश कर सकते हैं जाति जनगणना रिपोर्ट

7 साल के बच्चे की हत्या के दोषी को बड़ी राहत, SC ने डेथ पेनल्टी पर लगाई रोक

365 दिन की जंग के बाद भी नहीं टूटी हमास की डिफेंस लाइन, 101 बंधकों को छुड़ाने में भी नाकाम