By नीरज कुमार दुबे | Aug 03, 2024
भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ आज पदयात्रा की शुरुआत की। कर्नाटक में एमयूडीए घोटाले के खिलाफ भाजपा के प्रदर्शन की शुरुआत से पहले राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने चामुण्डेश्वरी देवी मंदिर में पूजा अर्चना की। हम आपको बता दें कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी सहित अन्य को भूखंड आवंटित करने में कथित अनियमितताओं के खिलाफ यह पदयात्रा निकाली जा रही है। तीन अगस्त से 10 अगस्त तक बेंगलुरु से मैसूर तक पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है ताकि एमयूडीए द्वारा भूखंडों के कथित धोखाधड़ी वाले आवंटन का विरोध किया जा सके। बताया जा रहा है कि एमयूडीए घोटाला 4,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। आरोप है कि मैसूरु के एक पॉश इलाके में मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को वैकल्पिक भूखंड आवंटित किए गए जिनकी कीमत एमयूडीए द्वारा ‘अधिग्रहीत’ उनकी जमीन के मूल्य की तुलना में अधिक है। एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और राज्य में पार्टी मामलों के प्रभारी भाजपा महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल तथा जनता दल सेक्युलर के नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी भी सम्मिलित हुए। हम आपको बता दें कि भाजपा ने सहयोगी दल जनता दल सेक्युलर को कर्नाटक में अपनी पदयात्रा में शामिल होने के लिए मना लिया था।
हम आपको यह भी बता दें कि इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की परेशानी बढ़ गयी है क्योंकि राज्यपाल ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेज दिया है। जवाब में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत पर हमला बोला और उन पर केंद्र सरकार और भाजपा-जद(एस) की ‘‘कठपुतली’’ के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया। सिद्धरमैया ने उन्हें नोटिस जारी करने को ‘‘अवैध और संविधान के विरुद्ध’’ बताया, जिसमें उनसे पूछा गया है कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा साइट आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी क्यों न दी जाए।
हम आपको बता दें कि अधिवक्ता-कार्यकर्ता टीजे अब्राहम द्वारा दायर याचिका के आधार पर राज्यपाल ने 26 जुलाई को नोटिस जारी कर मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि वे अपने (सिद्धरमैया) खिलाफ लगे आरोपों पर सात दिनों के भीतर जवाब दें कि उनके खिलाफ मुकदमे की अनुमति क्यों न दी जाए।
मुख्यमंत्री ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी इसमें (घोटाले में) कोई भूमिका नहीं है। मेरी भूमिका कहां है?’’ सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार पर ‘‘राजभवन का दुरुपयोग’’ करने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राज्यपाल पूरी तरह से केंद्र सरकार, भाजपा-जनता दल (सेक्युलर) की कठपुतली के रूप में काम कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्यपाल को अब्राहम के पिछले रिकॉर्ड पर ध्यान देना चाहिए था। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘अगर आप अब्राहम के पिछले रिकॉर्ड को देखें, तो वह एक ‘ब्लैकमेलर’ है। उसकी शिकायत पर कार्रवाई करना गैरकानूनी है। वह इस तरह से कई लोगों के खिलाफ शिकायतें करता रहा है। मैंने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है।’’ उन्होंने कहा कि अब्राहम ने 26 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी और उसी दिन राज्यपाल ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के पूर्व मंत्रियों- शशिकला जोले, मुरुगेश निरानी और जी. जनार्दन रेड्डी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगने वाली इसी तरह की याचिकाएं थीं, लेकिन वे वर्षों से लंबित हैं और कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस बीच, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने आरोप लगाया कि केंद्र मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को सलाखों के पीछे डालना चाहता है और इसलिए विपक्ष के खिलाफ "छोटी-छोटी बातें निकाल रहा है", लेकिन "बड़े अपराधों" में लिप्त अपने लोगों को बचा रहा है।