By निधि अविनाश | Jul 26, 2022
आज यानि 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस है और ये दिन देश के लिए काफी खास माना जाता है। 1999 में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ युद्ध जीतने के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले शहीद जवानों के सम्मान में इस दिन को मनाया जाता है। पाकिस्तान की सेना इसी दिन अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए भारतीय क्षेत्र में धुसपैठ करने की हिम्मत की थी।
भारतीय सेना के जवानों ने दुशमन सेना को वापस खदेड़ते हुए अपनी ताकत और शक्ति का प्रदर्शन पूरी दुनिया के सामने पेश किया था। यह युद्ध करीब 60 दिनों तक चला था और इस दौरान भारत के 527 भारतीय जवान शहीद हो गए थे वहीं पाकिस्तान के तीन हजार सेनाओं को भारत की सेना ने मौत के घाट उतार दिया था। 26 जुलाई को यह युद्ध खत्म हुआ था। जानकारी के लिए बता दें कि विश्व इतिहास में कारगिल युद्ध दुनिया के सबसे ऊंचे क्षेत्रों में लड़ी गई जंग की घटनाओं में शामिल है। पाकिस्तानी सेनाओं को खदेड़ने के लिए भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया था। 26 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस युद्ध में भारत की जीत का ऐलान किया था और इसलिए इस दिन को विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता हैं।
कारगिल विजय दिवस की 23वीं सालगिरह पर जम्मू में कारगिल युद्ध में अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों को बालिदान स्तम्भ पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं लद्दाख के द्रास में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए कारगिल युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा कि कारगिल विजय दिवस मां भारती की आन-बान और शान का प्रतीक है। इस अवसर पर मातृभूमि की रक्षा में पराक्रम की पराकाष्ठा करने वाले देश के सभी साहसी सपूतों को मेरा शत-शत नमन। जय हिंद!
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस मौके पर ट्वीट करते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की असाधारण वीरता, पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सैनिकों को मैं नमन करती हूं। सभी देशवासी, उनके और उनके परिवारजनों के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे। जय हिन्द!