By अनुराग गुप्ता | Jan 09, 2020
करगिल। लद्दाख के करगिल में इंटरनेट सेवा बहाल होने के बाद अब पुलिस अधिकारियों ने नया आदेश जारी किया है। आपको बता दें कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त किए जाने के साथ ही इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई थी। जिसके बाद 27 दिसंबर को लद्दाख के करगिल में 145 दिनों के बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल की गई।
इंटरनेट बहाल किए जाने के बाद करगिल पुलिस प्रशासन ने व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स को लेकर एक निर्देश जारी किया। इस निर्देश के मुताबिक व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स को अपने करीबी पुलिस स्टेशन जाकर एक फॉर्म भरना पड़ेगा वो भी दो दिनों के भीतर। इस फॉर्म में वह अपनी जानकारी पुलिस को बताएगा और साथ ही बताएगा कि वह किस व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन है।
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हालांकि यह कोई पहली दफा नहीं हुआ है। साल 2018 के बाद से कश्मीर घाटी में पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसे आदेश जारी किए जाते रहे हैं। जबकि सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ विभिन्न आधारों पर प्रशासन के इन कदमों पर सवाल उठाते रहे हैं। जुलाई 2018 में किश्तवाड़ा जिले में पुलिस ने 21 व्हाट्सएप ग्रुप एडमिनों को पंजीकृत होने के लिए नोटिस भेजा था। इस मामले को लेकर जिला एसएसपी अबरार एहमद चौधरी ने कहा था कि पिछले कुछ सालों से मशरूम की तरह व्हाट्सएप ग्रुप बने हैं जिनका दुरुपयोग किए जाने की लगातार रिपोर्टें मिल रही हैं।
उस समय अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि इन ग्रुप का दुरुपयोग कर घाटी में हिंसा और आतंक फैलाने की कोशिशें की जा रही है। इसके लिए अफवाहें फैलाई जाती है वो भी ऑडियो, वीडियो या फिर संदेश के माध्यम से...
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आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 के कुछ प्रावधान समाप्त होने के बाद क्रमश: दो- जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बन गए और करगिल को लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश में शामिल किया गया। जहां पर पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन्स को नजदीकी पुलिस स्टेशनों में जानकारी देने का निर्देश जारी किया है।