जम्मू कश्मीर में लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए कर्ण सिंह ने विधानसभा चुनाव कराने की मांग की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 28, 2023

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने जम्मू कश्मीर में जनता और नौकरशाही के बीच संवाद की कमी रहने का मंगलवार को दावा किया और इस समस्या का समाधान करने के लिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की भी मांग की।

यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व सद्र-ए-रियासत सिंह ने कहा कि एक युद्ध के बिना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने की कोई संभावना नहीं है और युद्ध केवल मौत और तबाही लाता है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जम्मू कश्मीर में नीतियों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘ उस (2019 के घटनाक्रम की ओर इशारा करते हुए, जब केंद्र ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान रद्द कर दिये थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था) विशेष दर्जा को हटाना एक बहुत ही कड़ा कदम था और जम्मू कश्मीर को केंद्र के शासन के तहत लाये तीन साल हो गए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बहुत सारी अच्छी चीजें हुई हैं और इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन मुझे जो जानकारी मिली है, वह यह है कि जनता और नौकरशाही के बीच संवाद की कमी है। विधायक, चाहे अच्छे हों या बुरे, एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे लोगों और सरकार के बीच की कड़ी होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज कोई विधायक नहीं है और इसलिए नौकरशाही है और वे हर किसी की बात नहीं सुन सकते। यह उनका काम नहीं है और इस अंतराल को पाटने की जरूरत है, जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के बाद एक लोकप्रिय सरकार गठित कर किया जा सकता है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या पीओके को वापस लेने का समय आ गया है, उन्होंने कहा, ‘‘...युद्ध के बिना इसे वापस पाना संभव नहीं है। आप युद्ध के परिणाम जानते हैं, जो मौत और विनाश लाता है।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि यह सच है कि पड़ोसी देशों के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र जम्मू कश्मीर का हिस्सा हैं और ‘‘अगर हमें ये क्षेत्र हमें वापस मिल जाते हैं तो अच्छा रहेगा। लेकिन क्या हम युद्ध के लिए तैयार हैं, चीन भी वहां खड़ा है।’’

उन्होंने जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की भी हिमायत की। पूर्ववर्ती राज्य के विभाजन पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हमें पीछे जाने के बजाय आगे देखना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हमेशा वर्तमान और भविष्य की ओर देखा है। मैंने (अपने जीवन में) बहुत कुछ देखा है और मैं कभी भी (घटनाओं से) निराश नहीं हुआ। समय बदलता रहता है और हमें दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कुछ करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बुजुर्गों ने भारत की सीमाओं को गिलगित और लद्दाख तक फैलाने के लिए अपना खून बहाया है।’’ सिंह ने भारत या पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण का भी विरोध किया और कहा कि ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए।

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