By अंकित सिंह | Apr 17, 2022
हाल में ही बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर अटकलों का दौर जारी है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या कन्हैया कुमार बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष हो सकते हैं? हालांकि बिहार की राजनीति में इस नाम की चर्चा में आने के साथ ही कांग्रेस में कई सालों से अपनी सेवा दे रहे नेताओं की परेशानी बढ़ गई है। दरअसल, पिछले साल ही कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके बाद से उन्होंने कई चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार भी किया है। कन्हैया कुमार के जरिए बिहार में कांग्रेस से भूमिहार और ब्राह्मणों को साधने की कोशिश भी कर रही है।
माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार के नाम को लेकर आखिरी फैसला राहुल गांधी ही लेंगे। कन्हैया कुमार को लेकर इसलिए बड़ा दांव कांग्रेस खेल सकती है। क्योंकि बिहार में भूमिहार फिलहाल भाजपा से नाराज हैं और वह कांग्रेस की तरफ आ सकते हैं। कन्हैया कुमार खुद भूमिहार समाज से आते हैं। कन्हैया कुमार ने गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 2 दिनों से लगातार चर्चा जारी है। लेकिन अब तक किसी नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। सूत्री यह दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी कन्हैया कुमार के पक्ष में ज्यादा जाना चाहते हैं।
यह नाम भी रेस में
माना तो यह भी जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस किसी दलित या अल्पसंख्यक समाज के नेता को अपना प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। प्रदेश अध्यक्ष की रेस में जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा राजेश राम, अशोक राम और मीरा कुमार का नाम पर है। तारिक अनवर भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में है। इसके अलावा शकील अहमद को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा भी रेस में है। इसके अलावा विजय शंकर दुबे और श्याम सुंदर सिंह धीरज का भी नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए चल रहा है।