खत्म नहीं हो रही हैं Kangana Ranaut की मुसीबतें, अब इस वजह से आगरा कोर्ट से मिला एक और कानूनी नोटिस

By रेनू तिवारी | Nov 12, 2024

कंगना रनौत को आगरा कोर्ट से एक और कानूनी नोटिस मिला है। हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। देशद्रोह और किसानों के अपमान के मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है। किसान आंदोलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान के मामले में आगरा की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने कंगना रनौत को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।

 

कोर्ट ने नोटिस के जरिए कंगना रनौत से जवाब मांगा है। कंगना के खिलाफ एडवोकेट रमाशंकर शर्मा ने स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए में केस दायर किया था। इसकी सुनवाई मंगलवार को हुई। कोर्ट ने कहा कि कंगना रनौत कोर्ट में आकर अपना पक्ष रखें। इसके लिए जज ने उन्हें नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।

 

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स मामले को लेकर अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा, "मैंने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। 27 अगस्त को हमने उनका एक बयान पढ़ा, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन से लेकर बांग्लादेश के हालात तक की बात की थी। उन्होंने एक और बयान दिया जो 17 नवंबर 2021 को अखबारों में छपा, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी का अपमान किया।"

 

11 सितंबर को दायर हुआ था मुकदमा

11 सितंबर 2024 को राजीव गांधी बार एसोसिएशन आगरा के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने कंगना रनौत के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे में कहा गया था कि 27 अगस्त 2024 को कंगना रनौत ने एक बयान पढ़ा जो अखबारों में छपा, जिसमें अभिनेत्री ने कहा कि अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों के खिलाफ जो किसान धरने पर बैठे थे, वहां हत्याएं हो रही थीं, बलात्कार हो रहे थे और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते। वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि कंगना रनौत ने देश के करोड़ों किसानों का अपमान किया है। किसानों को हत्यारा, बलात्कारी और उग्रवादी तक कहा है।

 

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ये है पूरा मामला

गौरतलब है कि 2021 में कंगना ने किसान आंदोलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि गाल पर थप्पड़ खाने से भीख मिलती है, आजादी नहीं। कंगना ने कहा था कि देश को असली आजादी 2014 के बाद मिली है। साथ ही किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा था कि कृषि कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में खालिस्तानी आतंकवादी शामिल हैं। इन दोनों बयानों के बाद कंगना को जबरदस्त विरोध का भी सामना करना पड़ा था।


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