By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 11, 2020
भोपाल। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद मध्यप्रदेश में मची सियासी उथल-पुथल के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मंगलवार शाम को निर्णय लिया गया है कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत प्रदेश सरकार विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी। कांग्रेस के एक मंत्री ने मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस बैठक में शामिल होने के बाद कहा कि इस बैठक में सरकार को समर्थन देने वाले चार निर्दलीय विधायक भी शामिल हुए थे। इससे कांग्रेस को थोड़ा और बल मिला है।
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हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार को समर्थन कर रहे बसपा के दो विधायक एवं सपा का एक विधायक इस बैठक से नदारद रहा। यह सत्तारूढ़ दल के लिए दुखद रहा। मालूम हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद उठे सियासी बवंडर के बीच बसपा एवं सपा के दो विधायक मंगलवार को यहां भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिलने उनके निवास पर गये थे। इसलिए चौहान के साथ उनकी इस मुलाकात को बदलते राजनीतिक परिदृश्य से देखा जा रहा है। हालांकि, चौहान ने इसे होली के अवसर पर एक शिष्टाचार भेंट बताया था।
मंत्री ने कहा कि बैठक में मौजूद सभी विधायकों ने कमलनाथ के नेतृत्व में अपनी आस्था जाहिर की है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ एवं विधायक एकजुट होकर यह लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे। मंत्री ने कहा ‘‘सरकार को कोई खतरा नहीं है। जब भी स्थिति आयेगी, हम सदन में अपना बहुमत साबित करेंगे।’’ उन्होंने दावा किया कि करीब 100 विधायक इस बैठक में शामिल हुए, जिनमें से चार निर्दलीय हैं।
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इसी बीच, मंत्री पी सी शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि जो विधायक बैठक में मौजूद नहीं थे, मुख्यमंत्री का कहना है कि उनसे संपर्क किया गया है। उन्होंने कहा है कि इन विधायकों को गुमराह कर ले जाया गया है। शर्मा ने बताया कि नदारद हुए इन विधायकों ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए उन्हें ले जाया गया था और धोखा देकर उनसे इस्तीफे में साइन कराये गये हैं। उन्होंने कहा,‘‘हम विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे।’’