भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बताया कि मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों के दो माह के ही वास्तविक आँकड़े जब मैंने सार्वजनिक किये तो पूरी शिवराज सरकार मुझे गलत बताने में जुट गयी, एफआईआर के नाम पर धमकाने में लग गयी, मुझ पर लाशों पर राजनीति के झूठे आरोप लगाने में सभी भाजपा नेता लग गये ?
उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश में मौतो के आँकड़ो की सच्चाई सामने लाने को लेकर प्रदेश के सभी मुक्तिधामों व कब्रस्तानों के इस अवधि के रिकोर्ड व रजिस्टर सार्वजनिक करने की माँग कई बार शिवराज सरकार से की, मुआवज़ा राशि को बढ़ाकर एक लाख से पाँच लाख करने की माँग की, लेकिन आज तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस पर एक शब्द नहीं बोला और ना ही जनहित की मेरी इस माँग पर आज तक कोई निर्णय लिया ? मैंने तो बताया था कि इन दो माह में प्रदेश में 1 लाख 27 हज़ार के करीब मौतें हुई है और इसमें से करीब 80% मौत कोविड से हुई है।
लेकिन साँच को आँच नहीं, सच को कभी झुठलाया व दबाया नहीं जा सकता है।सीआरएस के सरकारी डेटा के अनुसार इस वर्ष अकेले मई माह में ही प्रदेश में 1.7 लाख मौतें हुई है ? डेटा के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से मई के बीच, पिछले वर्ष की तुलना में 1.9 लाख ज़्यादा मौतें हुई है ? डेटा के मुताबिक अप्रैल-मई-2021 में सरकारी आँकड़े से 40 गुना ज़्यादा मौतें उनके रिकोर्ड में दर्ज हुई है ? यह है सच…?अब सरकार बताये कि किस-किस पर एफ़आईआर दर्ज करवाएँगे ?
कमल नाथ ने बताया कि शिवराज सरकार ने कोरोना की इस दूसरी लहर में अपनी सरकार की नाकामी व असफलता से प्रदेश में हुई हज़ारों लोगों की मौत के आँकड़ो को छुपाने का घृणित काम किया है। वह यह भी चाहती है कि मौत के सरकारी आँकड़े कम हो तो उसकी योजनाओं का लाभ भी कम ही लोगों को देना पड़े ? लेकिन जिन हज़ारों परिवारों ने इलाज-बेड-अस्पताल-ऑक्सीजन-इजेक्शन के अभाव में अपनो को खोया है, भीषण दर्द भोगा है। वो इस निष्ठुर सरकार को कभी माफ़ नहीं करेंगे ? शिवराज जी को इस खुलासे के बाद सामने आकर यह बताना चाहिये कि प्रदेश में मौत का सरकारी आँकड़ा इतना कम क्यों ? प्रदेश में कोरोना से कितने लोगों की अभी तक मौत हुई है ?