भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संकट के बीच इन दिनों हनीट्रेप कांड की पेनड्राइव भी राजनीति गलियारों में सुर्खियां बनी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा उनके पास हनीट्रेप कांड की पेनड्राइव होने का बयान देने के बाद भाजपा लगातार उन पर हमले बोल रही है। वहीं दूसरी तरफ एसआईटी ने भी उनके बयान को जांच में शामिल करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया है। एसआईटी द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद अब कमलनाथ ने इस पूरे मामले पर बड़ा बयान दिया है।
कमलनाथ ने रविवार को मुरैना में मीडिया से बातचीत करते हुए एसआईटी के नोटिस पर कहा कि जब हनीट्रेप कांड का खुलासा हुआ था उस समय मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री था, तब स्वाभाविक रूप से प्रदेश के मुखिया होने के नाते पुलिस द्वारा मुझे समय-समय पर हनी ट्रैप प्रकरण की जानकारी दी जाती रही। उन्होंने कहा कि मैं नोटिस का जवाब दूंगा। पेनड्राइव मेरे पास कहाँ? यह तो बहुत सारे लोगों के पास है ऐसा कहा जाता है और यह भी कहा जाता है कि कि यह तो पूरे प्रदेश में घूम रही है। मैंने पेनड्राइव की राजनीति कभी नहीं की, मैं तो प्रदेश को विकास की दृष्टि से आगे ले जाना था।
वही कमलनाथ द्वारा अपने बयान में उनके पास हनीट्रेप मामले की पेनड्राइव है कहे जाने के बाद अब मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पूर्व मुख्यमंत्री से पेनड्राइव मांगी है। एसआईटी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हनीट्रैप वाले बयान को अपनी जांच में शामिल कर लिया है और जांच अधिकारी ने कमलनाथ से कहा है कि वे पेन ड्राइव उपलब्ध करवा दें। एसआईटी के अधिकारी दो जून को खुद कमलनाथ के पास आएंगे। वहीं, अब इस पूरे मुद्दे पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है।
कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हनीट्रैप जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा है कि शिवराज सरकार कमलनाथ को जनता के मुद्दों को उठाने से रोकने में जुटी हुई है। एसआईटी सरकार के पिछलग्गू के तौर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन जांचों को एसआईटी को आगे बढ़ाना चाहिए, एसआईटी वो जांच आगे बढ़ाने की बजाय कमलनाथ को टारगेट कर रही है। क्योंकि कमलनाथ जनता के मूल मुद्दे उठा रहे हैं। यही कारण है कि शिवराज सरकार एसआईटी का प्रयोग राजनीति से प्रेरित हो कर कर रही है।