शिकारी की तरह जनता पर डोरे डाल रहे कमलनाथ, लेकिन इस बार फंसना नहीं हैः शिवराज सिंह चौहान

By दिनेश शुक्ल | Oct 24, 2020

भोपाल। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं। जनता के बीच में कमलनाथ भी जा रहे हैं और वे कह रहे हैं कि अभी तो मैं जवान हूं और मंच से ही छलांग लगा देते हैं। वे प्रदेश की जनता पर उस तरह से डोरे डाल रहे हैं, जैसे एक शिकारी आता है, जाल बिछाता है, दाना डालता है और जाल में फंसाता है, लेकिन चुनाव है तो कांग्रेसी आएंगे, शराब लाएंगे और बांटेंगे, पायल लाएंगे और बांटेंगे, लेकिन इस बार उनके झांसे में फंसना नहीं है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने झूठे वादे करके प्रदेश की भोलीभाली जनता और किसानों से वोट तो ले लिए, लेकिन उनसे किए गए वादे कभी नहीं निभाए। इस बार भी कांग्रेस झूठे वादे करके वोट लेगी, लेकिन इस बार सबको सच्चाई का साथ देना है। विकास का साथ देना है। गरीबों, किसानों की भलाई करने वाली सरकार का साथ देना है। ये बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा के छर्च में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने मुरैना विधानसभा के खड़गपुर भर्राड़ और करैरा विधानसभा में भी सभाओं को संबोधित किया।

 

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ईश्वर तो समदर्शी है। उन्होंने धरती बनाई तो सबके लिए बनाए, हवा बनाई तो सबके लिए बनाई, पानी बनाया तो सबके लिए बनाया, जंगल बनाए तो सबके लिए बनाए। ईश्वर ने दुनिया बनाई तो सबके लिए बनाई, लेकिन समय के साथ-साथ कुछ लोग बड़े हो गए। उन्होंने अपनी बुद्धि, अपने बाहुबल के बल पर धन कमाया, दौलत कमाई तो कई लोग गरीब रह गए। उनके बीच में अमीरी-गरीबी की खाई पड़ गई और ये खाई बनाने वाले भी इंसान ही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग बड़े बंगलों में रह रहे हैं तो दुनिया में कुछ लोग जंगलों में रह गए और वे विकास के नाम पर पिछड़ गए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार और मेरा लक्ष्य अमीरी और गरीबी की खाई को पाटना है। 

 

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मध्यप्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, तो हमने ऐसी अनेक योजनाएं बनाई, जो गरीबों, किसानों, महिलाओं, बेटियों और भांजे-भांजियों के लिए मददगार साबित हुई। इन योजनाओं ने इनका जीवन बदलने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गरीबों को एक रुपए प्रतिकिलो गेहूं, चावल और नमक दिया। हमने संबल जैसी योजना शुरू की, जिसके माध्यम से गरीब की मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रूपए और उसकी मौत पर परिवार को 4 लाख रूपए की आर्थिक मदद मिल सके। ये योजनाएं भी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को रास नहीं आई और उन्होंने सरकार में आते ही इन्हें बंद करवा दिया। देश में अमीरी-गरीबी के बीच खाई पाटने वाले ऐसे उद्योगपति और अमीर लोग ही हैं, जो गरीबों को गरीब ही रखना चाहते हैं।

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