भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की जनता के नाम दिए गए संदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बेहतर होता कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कोरोना की रोकथाम एवं तैयारियों में अपनी सरकार की नाकामी और विफलताओं के कारण प्रदेश भर में प्रतिदिन हो रही लोगों की दुःखद मौतों पर प्रदेश की जनता से माफी मांगते और अपनी सरकार की नाकामी और असफलता की सच्चाई को खुले मन से स्वीकार करते ?
कमलनाथ ने कहा कि बड़ा ही शर्मनाक है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ऑक्सीजन की आपूर्ति से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति को लेकर आज इतने दिनों बाद भी "हर संभव प्रयास " करने की बात कह रहे हैं? कोरोना की दूसरी लहर की तमाम चेतावनियों के बावजूद भी राज्य सरकार ने कोरोना की रोकथाम और उसको लेकर पर्याप्त समय मिलने के बावजूद कोई तैयारियाँ नहीं की, उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की यह भयावह स्थिति है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब यह बात सामने आ चुकी थी कि कोरोना के इलाज में ऑक्सीजन बेहद आवश्यक है तो फिर उसकी आपूर्ति बढ़ाने और उसके उत्पादन को लेकर शिवराज सरकार ने कोई गंभीर कदम क्यों नहीं उठाये? पिछले 15 वर्ष की सरकार में और वर्तमान एक वर्ष की सरकार में भी शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में एक भी ऑक्सीजन का प्लांट स्थापित नहीं किया, प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भर नहीं बनाया? उन्होंने कहा, 11 सितंबर 2020 को होशंगाबाद के बाबई में जिस 200 टन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी , उसकी आज 9 माह में बाउंड्री वाल तक नहीं बन पाई , इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है ? उन्होंने कहा कि पिछले दो सप्ताह से मुख्यमंत्री और तमाम जिम्मेदार ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर प्रदेश की जनता को रोज झूठे आंकड़े देकर झूठ परोस रहे है। जो स्थिति प्रदेश की आज से दो सप्ताह पूर्व थी , आज स्थिति उससे और भी बदतर हो चुकी है ? कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि आज भी मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता से सहयोग मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनको कितना सहयोग कर रही है ? आज जनता को अस्पतालों में बेड के लिए ख़ुद दर-दर भटकना पड़ रहा है, खुद ऑक्सीजन की व्यवस्था करना पड़ रही है, जीवन रक्षक दवाइयों के लिये दर-दर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वैसे भी यह समय संदेश, अभियान, आयोजनों का नहीं है, अब तो आवश्यकता है कि सब कुछ छोड़कर मैदानी स्तर पर डट कर, जुटकर सारी कमियों और अव्यवस्थाओं को दूर करने का, लोगों को इलाज, बेड, ऑक्सीजन से लेकर जीवन रक्षक दवाइयाँ आसानी से उपलब्ध कराने का।