कमलनाथ-दिग्विजय के गुरूर ने तोड़ी सहमति से निर्वाचन की परंपराप्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के सहमति से निर्वाचन की परंपरा हमने नहीं तोड़ी। ये परंपरा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के गुरूर ने तोड़ी है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को लगा था कि हम स्थायी रूप में सत्ता में आ गए है। हम तो हमेशा लोकतंत्र में विपक्ष को भी साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं। उन्होंने ही परंपरा तोड़कर गुरूर और घमंड दिखाया था, अब उन्हें इसका खामियाजा तो भुगतना पड़ेगा।