By दिनेश शुक्ल | Oct 31, 2020
ग्वालियर। पहले दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश का बंटाधार किया और अभी 15 महीने कमलनाथ सरकार बनी, तो उसने भी प्रदेश का बंटाधार करके 2003 से पहले वाली स्थिति में धकेल दिया। इस सरकार से न केवल विधायक औऱ मंत्री नाराज थे, बल्कि प्रदेश की जनता परेशान हो गई थी। पूरी कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दीं। ग्वालियर-चंबल सहित बुंदेलखंड को मिलने वाली सौगातें उठाकर केवल छिंदवाड़ा ले गए। इसे गद्दारी नहीं तो क्या कहेंगे। यह बात भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने शनिवार को ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के शालीमार गार्डन में प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल के समर्थन में सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।
मध्य प्रदेश को बचाने का है यह उपचुनाव
उन्होंने कहा कि यह चुनाव केवल मुन्नालाल गोयल का नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश को बचाने का चुनाव है। 15 महीने कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार प्रदेश में रही, लेकिन उन्होंने केवल छिंदवाड़ा के लिए काम किया, वहीं पूर्व दिग्विजय सिंह प्रदेश को लूटने का काम करते रहे। कमलनाथ ने ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल का आधुनिकीकरण रोक दिया। छतरपुर का मेडिकल कॉलेज, पन्ना का एग्रीकल्चर कॉलेज छिंदवाड़ा लेकर चले गए। जिस ग्वालियर-चंबल की सीटों के कारण कांग्रेस की सरकार बनी, कमलनाथ ने वहां का विकास रोक दिया और जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सवाल उठाए तो उनको सड़क पर उतरने की सलाह दे दी। सिंधिया सड़क पर उतरे तो कमलनाथ की सरकार ही सड़क पर आ गई।
कमलनाथ सरकार में लूट खसोट हावी थी
उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार से जनता तो परेशान थी ही, साथ में भाजपा कार्यकर्ताओं को जमकर प्रताड़ित किया। मीसा बंदियों की पेंशन बंद कर दी और भाजपा के विचारों पर आक्रमण किया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार में लूट खसोट इस कदर थी कि उनके ही मंत्री उमंग सिंगार ने कहा था कि कमलनाथ सरकार को दिग्विजय सिंह माफिया के साथ मिलकर चलाते हैं। उन्होंने कहा कि जिस समय प्रदेश में कोरोना संकट आ रहा था, उस समय कमलनाथ इंदौर में आईफा अवार्ड में हीरो हीरोइन के साथ फोटो खिंचवाकर कह रहे थे कि इससे प्रदेश में निवेश आएगा और विकास होगा।
चुनाव परिणाम कमलनाथ का घमंड तोड़ेगा
शर्मा ने कहा कि कमलनाथ को गलतफहमी हो गई थी कि जनता ने उन्हें चुना है। अभी हाल ही में उन्होंने दलित बेटी और नेता का अपमान किया, जिसके कारण चुनाव आयोग ने उनका स्टार प्रचारक का दर्जा हटा दिया, लेकिन अंहकार में डूबे कमलनाथ इसकी परवाह नहीं करते। अब उनका अंहकार तोड़ने के लिए भाजपा कार्यकर्ता काम करेंगे और तीन नवंबर को ज्यादा से ज्यादा वोट देकर गोयल को जिताएंगे। उन्होंने कहा कि चुनाव का परिणाम ही कमलनाथ का घमंड तोड़ देगा।