By अंकित सिंह | Jun 19, 2022
केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना को लेकर वार और पलटवार का दौर लगातार जारी है। विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है तो वहीं भाजपा विपक्ष पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। इन सब के बीच भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कुछ ऐसा बयान दे दिया है जिसकी वजह से वह विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बयान में यह कहा कि उन्हें पार्टी कार्यालय में सुरक्षा रखनी है तो वह किसी पूर्व अग्निवीर को प्राथमिकता देंगे। इसी को लेकर आप कैलाश विजयवर्गीय विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वरुण गांधी समेत कई राजनीतिक हस्तियों ने विजयवर्गीय के इस बयान पर निशाना साधा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिखा कि देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो। हमारे देश के युवा दिन-रात मेहनत करके फ़िज़िकल पास करते हैं, टेस्ट पास करते हैं, क्योंकि वो फ़ौज में जाकर पूरा जीवन देश की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए नहीं कि वो भाजपा के दफ़्तर के बाहर गार्ड लगना चाहते हैं। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लिखा कि जिस महान सेना की वीर गाथाएँ कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक। भारतीय सेना माँ भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक ‘नौकरी’ नहीं।
हालांकि, विजयवर्गीय ने युवाओं के लिए इस योजना के अलग-अलग फायदे गिनाते वक्त यह बात कही। अपने बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया के बाद विजयवर्गीय ने आरोप लगाया कि ‘‘टूलकिट’’ गिरोह से जुड़े लोग उनके कथन को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करके ‘‘कर्मवीरों’’ के अपमान की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित एवं कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे, सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वह जिस भी क्षेत्र में जायेंगे वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टूलकिट से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। यह देश के कर्मवीरों का अपमान होगा। राष्ट्रवीरो-धर्मवीरों के ख़िलाफ़ इस टूलकिट गैंग के षड्यंत्रों को देश भली भांति जानता है। मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था।