By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 10, 2019
इंदौर (मध्यप्रदेश)। राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तीखे विरोध पर पलटवार करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को तंज कसा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बांग्लादेश की मुख्यमंत्री नहीं हैं। विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, मुझे पता नहीं कि बनर्जी ने भारत का संविधान पढ़ा भी है या नहीं? भारत में संघीय ढांचे के तहत केंद्र और राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारियों का अलग-अलग निर्वहन करती हैं। नागरिकता के संबंध में कानून बनाकर इसे संसद में पारित करना केंद्र सरकार का काम है।
पश्चिम बंगाल के प्रभारी भाजपा महासचिव ने कहा, संघीय ढांचे में बनर्जी भला कैसे कह सकती हैं कि वह इस कानून (नागरिकता संशोधन विधेयक) को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं, बांग्लादेश की नहीं। बनर्जी ने सोमवार को खड़गपुर में एक रैली में कहा था, “एनआरसी और नागरिकता विधेयक से डरने की कोई जरूरत नहीं है। हम इसे पश्चिम बंगाल में कभी भी लागू नहीं करेंगे। वे इस देश के किसी वैध नागरिक को बाहर नहीं फेंक सकते, न ही उसे शरणार्थी बना सकते हैं।” भाजपा महासचिव ने बनर्जी पर व्यंग्य करते हुए कहा, यदि इस तरह के बचकाना बयान कोई मुख्यमंत्री देता है, तो उसके सामान्य ज्ञान पर सिर्फ हंसा जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: आगे चलकर आर्टिकल 371F को कमजोर करेगा नागरिकता संशोधन विधेयक: बाईचुंग भूटिया
विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के साथ ही देश की जनता के सामने भाजपा के विपक्षी दलों के चेहरे भी बेनकाब हुए हैं जो तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सत्ता की कुर्सी से चिपके हुए थे। उन्होंने कांग्रेस पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता का राग अलापने वाली कांग्रेस ने इस विधेयक का पूरी ताकत से विरोध किया है। अब आप कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता देखिये कि केरल में वह मुस्लिम लीग से समझौता करती है, तो महाराष्ट्र में शिवसेना से हाथ मिलाकर सरकार बनाती है। विजयवर्गीय ने कहा, कांग्रेस एक तरफ सरकार बनाने के लिये हिंदू अतिवादियों से समझौता करती है। दूसरी ओर, वह इस्लामी अतिवादियों से भी समझौता कर लेती है। दरअसल, सत्ता और कुर्सी के अलावा कांग्रेस की कोई विचारधारा ही नहीं है।