By दिनेश शुक्ल | Jun 06, 2019
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने जहां पूरे देश को चौंका दिया वहीं अमित शाह के केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए कवायद शुरू हो गई है। इस दौड़ में जहाँ भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य जेपी नड्डा का नाम चल रहा है तो वहीं पश्चिम बंगाल फतह करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी प्रमुख रूप से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल दिख रहे हैं। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाले इंदौर के भाई के रूप के पहचान रखने वाले कैलाश विजयवर्गीय अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किचिन कैबिनेट के सदस्य माने जाते हैं।
हालांकि अंतिम फैसला अमित शाह और नरेन्द्र मोदी को ही करना है बावजूद इसके कैलाश और उनके खास कार्यकर्ताओं को इस बात की उम्मीद जरूर है कि उन्हें पश्चिम बंगाल में मिली सफलता का तोहफा अध्यक्ष पद के रूप में अवश्य ही मिलेगा।
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कैलाश विजयवर्गीय वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। इंदौर में भारतीय जनता पार्टी से अपना राजनितिक कैरियर प्रारंभ कर वे इंदौर नगर के महापौर बने। बिना कोई चुनाव हारे वे लगातार छ: बार विधानसभा के सदस्य चुने गये और वर्तमान में महू विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। भाजपा में राष्ट्रीय महासचिव बनने से पहले वे बारह वर्ष तक मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। यही नहीं मध्य प्रदेश में उन्हें शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता रहा है।
वर्ष 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए विजयवर्गीय बीजेपी के चुनाव प्रभारी नियुक्त हुए थे, उसके बाद ही विधानसभा चुनाव में वहां बीजेपी स्पष्ट बहुमत में आई। इस जीत से तय लग रहा था कि निकट भविष्य में केन्द्रीय स्तर पर उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है। जून 2015 में यह सच हो गया जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया। हरियाणा में उनके चमकीले प्रदर्शन के बाद जैसी उम्मीद की जा रही थी, पश्चिम बंगाल में वे पार्टी के नए प्रभारी बनाये गए और 18 सीटें जीतने में सफल रहे। जुझारू नेता के तौर पर उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार से लोहा लेते हुए भाजपा को पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 2 से 18 सीटों तक पहुँचाया।
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मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा चुनाव जीतकर मोदी सरकार में केन्द्रीय गृह मंत्री बनाए गए हैं और उनकी जगह अब नये अध्यक्ष की तलाश की जा रही है। अध्यक्ष की दौड़ में कैलाश विजयवर्गीय के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं संसदीय बोर्ड के सचिव जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव भी शामिल हैं। वहीं जिस तरह से कैलाश विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के किले को ध्वस्त किया है उससे उनका कद अवश्य ही बीजेपी में बढ़ा है। जिसके चलते उन्हें व उनके खास सिपहसालारों को भी उम्मीद बंधी हुई है कि कैलाश को अध्यक्ष पद से नवाज कर पश्चिम बंगाल में मिली सफलता का तोहफा दिया जायेगा।