By निधि अविनाश | Sep 24, 2021
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के लिए शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसरो के पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अगुआई में 12 सदस्यीय राष्ट्रीय संचालन समिति का गठन किया है। बता दें कि इस समिति के जरिए स्कूल सहित उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम के एक नए फ्रेमवर्क पर काम करेगी। इसका कार्यकाल 3 साल का होगा। अग्रेंजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, यह समिति स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक के पाठ्यक्रम की नई रूपरेखा पर काम करेगी।
इस पाठ्यक्रम को के कस्तूरीरंगन की अगुआई में तैयार किया जाएगा। बता दें कि,कस्तूरीरंगन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख भी हैं।मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, यह पांचवां एनसीएफ होगा, जो 16 साल के अंतराल के बाद आएगा और एनईपी में कई सुधार किया जाएगा। कस्तूरीरंगन के अलावा इसमें शामिल अन्य लोगों में, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन) के कुलपति महेश चंद्र पंत, नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद शर्मा, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर, सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी आंध्र प्रदेश के कुलपति टीवी कट्टीमनी, फ्रेंच मूल के भारतीय लेखक और आइआइटी गांधीनगर के गेस्ट प्रोफेसर मिसेल डानिनो शामिल है।
वहीं, आइआइएम जम्मू के चेयरमैन और भारतीय उद्यमी मिलिंद कांबले, केंद्रीय विश्वविद्यालय पंजाब के चांसलर जगवीर सिंह, भारतीय मूल के अमेरिकी गणितज्ञ मंजुल भार्गव, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता एमके श्रीधर, शिक्षा मंत्रालय से जुड़े सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक और आइएएस अधिकारी धीर झिंगरन, एकस्टेप फाउंडेशन के सीईओ शंकर मरुवाडा बी इस समिति में शामिल किए गए है।