By टीम प्रभासाक्षी | Mar 28, 2022
ज्योतिरादित्य सिंधिया के अंदाज में इन दिनों बदलाव नजर आ रहा है। राजनीतिक गलियारों में ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराज के नाम से भले मशहूर हों लेकिन वह अब अपनी इस छवि को बदलना चाहते हैं। पब्लिक प्रोग्राम हो या कोई दूसरा मौका सिंधिया में महाराज की छवि बदलने वाली बेताबी दिख जाती है। दरअसल सिंधिया यह सारी कवायद इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह अपने आप को आवाम का नेता साबित करना चाहते हैं। सियासी जानकार ये भी अंदाजा लगा रहे हैं कि ये सारी कवायद सिंधिया इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि शिवराज सिंह चौहान को सीएम फेस के लिए टक्कर देना चाहते हैं।
बीते दिनों केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालिययर में सफाई कर्मियों के कार्यक्रम में पहुंचे थे। जहां उनका एक अलग ही अंदाज नजर आया। सफाई कर्मियों के सम्मान के दौरान सिंधिया ने एक सफाई कर्मी के पैर छुए। दीप प्रज्वलन के प्रोग्राम से पहले सिंधिया अचानक मंच से उतर गए और उस कर्मचारी को अपने साथ मंच पर लेकर आ गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महिला सफाई कर्मी से कार्यक्रम में पूजन भी कराया और अपने बगल वाली कुर्सी पर बिठाया। बाद में उस महिला ने कहा कि वह सिंधिया को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहती है।
इस कार्यक्रम में सिंधिया लोगों से घुलने मिलने की कोशिश करते नजर आए। दिलचस्प बात है कि कांग्रेस में रहते हुए सिंधिया हमेशा महाराज की तरह बर्ताव करते रहे लेकिन बीजेपी में आने के बाद अचानक उनमें बदलाव दिखाई देने लगा है। इसी महीने की बात है जब सिंधिया ने ग्वालियर में एक कुम्हार के घर में बैठ कर दिए भी बनाए थे। कुछ दिन पहले उन्होंने एक प्रोग्राम के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने हाथ से खाना खिलाया था। इतना ही नहीं वह हाथ में झाड़ू लेकर सफाई अभियान में भी जुट जाते हैं। सिंधिया यह सारी कवायद करके खुद को जन नेता साबित करने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।
सिंधिया की जनता से जुड़ने की तमाम कोशिशों को देखकर लगता है कि उनकी महत्वाकांक्षा सिर्फ राज्यसभा जाने तक नहीं बल्कि प्रदेश में बड़ा पद पाने की है। अब सिंधिया कौन सा पद हासिल करना चाहते हैं यह तो वही बता सकते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश की सियासत में उनकी राह आसान नहीं होने वाली है। क्योंकि हाल ही में मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कह चुके हैं कि शिवराज सिंह चौहान ही अगले चुनाव में बीजेपी का मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। अब इसके बाद भी सिंधिया की कोशिशें मध्य प्रदेश की सियासत में क्या रंग लाती हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।