By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 28, 2019
मुंबई। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने बुधवार को ज्योति स्ट्रक्चर्स के लिये नेटमैजिक के शरद सांघी की संशोधित समाधान योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत वह बैंको और कर्जदाताओं को 12 साल में 3,965 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे। अपीलीय न्यायाधिकरण के पिछले सप्ताह के आदेश के बाद यह निर्णय आया। दिलचस्प बात यह है कि एनसीएलटी ने मंगलवार (26 मार्च) को मामले पर अंतिम विचार के लिये सुनवाई को 26 अप्रैल तक के लिये स्थगति कर दिया था।
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ज्योति स्ट्रक्चर्स उन पहले 12 बड़े खातों में शामिल है जिसे रिजर्व बैंक ने जून 2017 में एनसीएलटी के पास भेजा था। कंपनी के ऊपर 7,010.55 करोड़ रुपये का बकाया है। संशोधित बोली के तहत एकमात्र बोलीदाता सांघी ने एनसीएलटी से कहा कि वह 12 साल में 3,965 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे। मूल बोली में 15 साल में यह राशि देने की बात कही गयी थी। सांघी डेटा सेंटर कंपनी नेटमैजिक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं।
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इसके साथ ही संशोधित योजना के तहत वह 147 करोड़ रुपये कर्मचारियों को और 11 करोड़ रुपये सांविधक बकाया के रूप में तत्काल भुगतान किये जाएंगे। शेष 115 करोड़ रुपये सात साल की अवधि में माल एवं सेवाओं की आपूर्ति करने वाले बकायेदारों को दिये जाएंगे। अपीलीय न्यायाधिकरण के पिछले सप्ताह के आदेश के बाद सांघी ने सोमवार को संशोधित बोली सौंपी। हालांकि, डीबीएस बैंक ने मामले में एनसीएलटी द्वारा सांघी की संशोधित समाधान योजना को स्वीकार किये जाने का विरोध किया। वह मामले में पहले चार्ज-धारक हैं। उन्होंने मामले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने का फैसला किया है।