By रितिका कमठान | Apr 28, 2025
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजे आ चुके है। इस बार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट ने दबदबा बनाए रखा है। AISA-DSF के गठबंधन ने अध्यक्ष पद समेत कुल तीन पदों पर जीत हासिल की है। इसके अलावा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को एक सीट पर कब्जा जमाने का मौका मिला है।
वहीं एबीवीपी ने दावा किया है कि उसने कई स्कूलों और केंद्रों में 44 काउंसलर सीटों में 23 सीटों पर जीत हासिल की है। जेएनयू छात्र संघ की राजनीति में एबीवीपी को मिली ये जीत भविष्य के लिए बड़ा बदलाव है। बता दें कि अध्यक्ष पद पर AISA-DSF के उम्मीदवार नीतीश कुमार 1702 वोट पाकर विजयी हुए है। एबीवीपी से उनके विरोधी शिखा को 1430 वोट मिले है। वहीं डीएसफ की मनीषा उपाध्यक्ष और मुन्तेहा फातिमा महासचिव बनी है।
जानकारी के मुताबिक एबीवीपी के वैभव मीना ने जेएनयू छात्र संघ चुनाव में संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की है। उन्हें 1518 वोट मिले है। छात्र संघ के लिए चुनाव कैंपस में 25 अप्रैल को आयोजित हुआ है। इस चुनाव में मतदान कुल 70 फीसदी हुआ था। चुनाव में इस बार छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया है।
स्कूल ऑफ सोशल साइंस में भी एबीवीपी का परचम
चुनावों में शिक्षा के क्षेत्र में वामपंथ के गढ़ को भेदने में एबीवीपी ने शानदार भूमिका निभाई है। एबीवीपी ने अपने दम पर पूरे 25 वर्षों का सूना खत्म किया और लेफ्ट का किला ढहा दिया है। एबीवीपी ने इस बार स्कूल ऑफ सोशल साइंस में दो सीटों पर जीत हासिल की है। ये एबीवीपी के लिए एक शानदार और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एबीवीपी के नेताओं की मानें तो चुनाव इतिहास में ये जीत बेहद महत्वपूर्ण है।
बता दें कि जेएनयू के कई अन्य स्कूलों व सेंटर में भी एबीवीपी का प्रदर्शन अच्छा रहा है। इसमें स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एबीवीपी को दो सीटें मिली है। अलग अलग स्कूलों में एबीवीपी को मिली जीत जेएनयू में संगठन की मजबूत होती पकड़ को दर्शाता है।