By अनन्या मिश्रा | Nov 04, 2024
झारखंड विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि सीएम हेमंत सोरेन और उनकी सहयोगी दलों का क्या प्लान हैं। यह सवाल इसलिए भी अधिक दिलचस्प हो जाता है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में झारखंड की सियासत में गजब उथल-पुथल बनी हुई है। सबसे पहले हेमंत सोरेन लापता हुए और फिर गिरफ्तारी से ठीक पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई और फिर चंपई सोरेन से बतौर सीएम शपथ ली। हेमंत सोरेन को पांच महीने जेल काटने के बाद जमानत मिली।
हालांकि अभी भी कथित जमीन घोटाले मामले में सोरेन को क्लीन चिट नहीं मिली। बेल मिलने पर वह बाहर आए और दोबारा सीएम पद की शपथ ली। अब हम आपको इसके पीछे JMM की असल रणनीति के बारे में बताते हैं। दरअसल, झारखंड की सियासत में पिछले कुछ महीनों में जमकर उलटफेर देखने को मिला है। वहीं एक बार फिर हेमंत सोरेन ने सीएम की कुर्सी संभाल ली है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इससे राज्य विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा और जेएमएम की रणनीति कितना कमाल दिखाएगी।
JMM की चुनावी रणनीति
बता दें कि इस बार के झारखंड विधानसभा चुनाव में सीएम सोरेन की गिरफ्तारी का मुद्दे को सबसे ज्यादा भुनाने की कोशिश की जाएगी। जिस तरह से बीते लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष ने 'मोदी को तानाशाही और संविधान खतरे में है' का आरोप लगाते हुए इस मुद्दे को तूल दिया था। उसी तरह राज्य विधानसभा चुनाव में सीएम की गिरफ्तारी के मुद्दे को सबसे ज्यादा उछाला जाएगा। जिसका संदेश पहले से सियासी दलों ने दे दिया है।
सीएम सोरेन की जमानत के बाद अखिलेश यादव, राहुल गांधी और ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेताओं के एक सुर में बधाई दी। साथ ही इन प्रमुख विपक्षी नेताओं ने सीएम सोरेन की गिरफ्तारी को साजिश करार दिया। ऐसे में जेएमएम अब इसी रणनीति पर चुनाव लड़ेगी। क्योंकि पार्टी ने इस बात को समझ लिया है कि चुनाव में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के मुद्दे से उसे लोगों की सहानुभूति मिल सकती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जेएमएम की ये रणनीति विधानसभा चुनाव में कारगर साबित होती है या उनकी कोशिशें बेकार निकल जाएंगी।