By दिनेश शुक्ल | Nov 05, 2020
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है, लोकतंत्र की हत्या कर पीछे के रास्ते से सत्ता में आई भाजपा की शिवराज सरकार ने पिछले 7 माह के दौरान 9 बार में 10,500 करोड़ रूपए का कर्ज बाजार से लिया है। वही पिछले 30 दिनों में यह चौथा और 7 माह में 10 वां मौका है जबकि 1 हजार करोड़ का कर्ज शिवराज सरकार ने लिया है।
जीतू पटवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश पर अब 2 लाख 5 हजार 989 करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। उन्होंने कहा कि यह किसी से छुपा नहीं है कि सरकार की माली हालत पहले से ही खराब थी। कोरोना के कारण सरकार के राजस्व में भारी कमी आई है। जीएसटी में लगातार कमी के कारण सरकार की आर्थिक संकट की स्थिति में है। सरकार पर जनवरी से अब तक 22 हजार करोड़ का कर्ज बढ़ा है। वित्त विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 4 अक्टूबर को 20 साल के लिए एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की प्रक्रिया पूरी की गई है। यह बताता है कि मध्य प्रदेश कि आर्थिक संकट से जूझ रहा है, लेकिन भाजपा की शिवराज सरकार जनता को कर्ज तले लगातार दबाती जा रही है। भाजपा के पिछले 15 साल के शासन काल के दौरान 2 लाख 5 हजार 993 करोड़ का कर्ज सरकार ने लिया। जिसका बोझ जनता लगातर झेल रही है। राज्य में पैदा होने वाला हर एक बच्चा अपने ऊपर लगभग 34 हजार रूपए का कर्ज लेकर पैदा हो रहा है।
जीतू पटवारी ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार सिर्फ ब्याज पर ही करीब 15 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही हैl 2017 में यह ब्याज 12695 करोड़ों रुपए था, जो 2018 में 14432 करोड रुपए हो गया, जबकि 2019 में 13751 करोड रुपए तथा 2020 में यह बढ़कर 16460 करोड़ रुपए होने की उम्मीद हैl इसके बाबजूद भी शिवराज सरकार बनने के बाद कब लगातार कर्ज लिया जा रहा है। पिछले 7 महिनों के दौरान शिवराज सरकार ने लगार कर्ज लिया है सबसे पहले 30 मार्च को 1500 करोड़, 7 अप्रैल को 500 करोड़, 2 जून 500 करोड़, 7 जुलाई 2000 करोड़, 4 अगस्त को 2000 करोड़, 10 सितंबर को 1000 करोड़, 7 अक्टूबर को 1000 करोड़, 13 अक्टूबर को 1000 करोड़, 21 अक्टूबर को 1000 करोड़ और अब फिर 4 नवंबर को 1 हजार करोड़ का कर्ज लिया है।