Jio ने भी की ''TRAI के नियमों के दायरे’ दरें बढ़ाने की घोषणा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 20, 2019

नयी दिल्ली,  दूरसंचार क्षेत्र में गलाकाट प्रतिस्पर्धा के बीच एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के बाद मंगलवार को रिलायंस जियो ने भी ‘ट्राई के नियमों की परिधि में’ रहते हुए अपनी मोबाइल सेवाओं की दरें हफ्ते दो हफ्ते में बढ़ाने की घोषणा की है।  कंपनियों का यह निर्णय आम उपभोक्तओं की जेब पर भारी पड़ सकता है जबकि जियो ने कहा है कि वह दर में वृद्धि इस तरह करेगी ताकि डेटा उपभोग और डिजिटल इंडिया अभियान पर प्रतिकूल असर न पड़े।

फिलहाल सबसे सस्ती दरों पर सेवाएं दे रही रिलायंस जियो ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि वह अगले कुछ सप्ताह में मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने वाली है।  जियो ने नि:शुल्क वॉयस सेवाओं तथा सस्ते डेटा से दूरसंचार क्षेत्र को प्रभावित करने के बाद पिछले ही महीने वॉया सेवाओं के लिये शुल्क लगाने की पहली बार घोषणा की थी।

 एक ही दिन पहले सोमवार को भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि वे दिसंबर से मोबाइल सेवाओं की दरें बढ़ाने वाली हैं।

 जियो ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) मोबाइल सेवाओं की दरों में संशोधन पर संभवत: परामर्श की शुरुआत करने वाला है. हालांकि इस बीच TRAI से जुड़े सूत्रों ने कहा कि नियामक अभी दूरसंचार कंपनियों द्वारा शुल्क वृद्धि को अमल में लाने का इंतजार करेगा। नियामक उसके बाद इसकी समीक्षा करेगा कि शुल्क वृद्धि नियामकीय दायरे में है या नहीं।

 कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘अन्य कंपनियों की तरह हम भी सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे। हम उद्योग जगत को मजबूत कर उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिये नियामकीय व्यवस्था का अनुपालन करेंगे। हम अगले कुछ सप्ताह में शुल्क बढ़ाने समेत अन्य कदम इस तरह उठायेंगे कि इसका डेटा के उपभोग या डिजिटलीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े तथा निवेश भी मजबूत बना रहे।’’

जियो ने अभी यह नहीं बताया है कि वह दरों में कितनी वृद्धि करेगी।  कंपनी ने कहा, ‘‘देश में डेटा उपभोग तथा 4जी कवरेज की तेज वृद्धि के बाद भी 40 करोड़ से अधिक ऐसे उपभोक्ता बचे हुए हैं, जिन्हें हालिया प्रौद्योगिकी का फायदा नहीं मिल सका है। हमारा मानना है कि डिजिटल भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को सिर्फ तभी हासिल किया जा सकता है जब देश को 2-जी से मुक्त कर लिया जाये।’’

 जियो ने कहा कि सरकार और ट्राई को नीतिगत तरीके से इसके लिये उपाय करने चाहिये। उसने कहा, ‘‘इसके लिये उद्योग के स्तर पर लगातार निवेश की जरूरत होगी। पूरे उद्योग जगत को अपना मानक ऊपर उठाना चाहिये ताकि भारतीय नागरिकों की महत्वाकांक्षाओं तथा देश के डिजिटल एजेंडे को पूरा किया जा सके।’’

 जियो ने कहा कि वह 2जी के 40 करोड़ उपभोक्ताओं को डिजिटल भारत की पारिस्थितिकी के दायरे में लाने और इसका फायदा पहुंचाने के लिये प्रतिबद्ध है। कंपनी ने कहा कि वह उपभोक्ताओं को किफायती सेवाएं व उत्पाद मुहैया कराने के लिये डिजिटल पारिस्थितिकी का लगातार नवोन्मेष करेगी।  उल्लेखनीय है कि वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को सितंबर तिमाही में मिलाकर 74 हजार करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसमें वोडाफोन आइडिया का अकेले का घाटा 50,921 करोड़ रुपये का है। यह किसी भी भारतीय कंपनी को किसी एक तिमाही में अब तक का हुआ सबसे बड़ा घाटा है।  वहीं, इसके उलट रिलायंस जियो को समान तिमाही में एकल आधार पर 990 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।

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