By टीम प्रभासाक्षी | Mar 19, 2022
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग ने शुक्रवार 18 मार्च को टेलीफोन पर बातचीत की। दरअसल, वाइट हाउस यूक्रेन पर उसी हमले के लिए रूस को सैन्य और आर्थिक सहायता मुहैया कराने से चीन को रोकने की कोशिश कर रहा है। इस बातचीत को लेकर तब से काम हो रहा था, जब बाइडन और शी ने पिछले साल नवंबर में एक डिजिटल शिखर बैठक की थी। इस बातचीत में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा चीन और अमेरिका को एक साथ मिलकर शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए।
अमेरिका बोला- अब फैसला जिनपिंग को लेना है
बाइडन ने अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के बारे में चीन को बताया। बयान में यह नहीं बताया गया कि दोनों नेता किसी मुद्दे पर सहमत हुए हैं या नहीं। हालांकि इसमें कहा गया है कि बातचीत आगे भी जारी रहेगी। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, मैं कहूंगा कि यह बातचीत सीधी थी। उन्होंने कहा कि यह फोन कॉल बाइडन की ओर से कोई खास मांग करने के लिए नहीं की गई थी, बल्कि यह बताने के लिए की गई थी कि किसी कदम का प्रभाव क्या हो सकता है।
ताइवान पर बाइडन ने दी चीन को चेतावनी
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की चीन ने अब तक निंदा नहीं की है जिसकी अमेरिका की ओर से आलोचना की जा रही है। बता दे चीन और रूस के बीच करीबी संबंध हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने शी के हवाले से कहा संघर्ष और टकराव किसी के हित में नहीं है और शांति एवं सुरक्षा को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को महत्व देना चाहिए। शी ने ताइवान सहित कई मुद्दों को लेकर उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे चीन अमेरिका संबंधों को सही रास्ते पर लाने की अपील भी की।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य और विश्व के दो प्रमुख अर्थव्यवस्था में होने के नाते, हमें चीन अमेरिका संबंधों को अवश्य ही सही रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहिए। बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति से कहा अमेरिका की ताइवान के प्रति में नीति में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ताइवान में यथास्थिति में एकतरफा किसी बदलाव का विरोध करता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह चेतावनी ऐसे वक्त पर दी है जब चीन ने यूक्रेन संकट के बीच अपनी सैन्य उपस्थिति को ताइवान के आसपास बढ़ा दिया है।