पूर्व मंत्री व विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि उन्होंने निमय 52 के तहत विधानसभा अध्यक्ष से सदन में श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के दीर्घकालिक बंद होने, सटडाउन के लिए निर्माता तथा अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और इस सटडाउन से कुल हानि के विषय पर आधे घंटे की चर्चा के लिए समय मांगा है। क्योंकि मेरे द्वारा तांरांकित प्रश्न के जबाब में सरकार की तरफ से जो जबाब आया है उसमें अपूर्ण था और इसमें कई तथ्यों को सरकार की तरफ से छिपाया गया है। लॉकडाउन के नाम पर तीन महिने अप्रैल 2020 से जून 2020 तक बंद रहा। जिससे प्रदेश को हर माह 1320 मेगावाट बिजली की मात्रा नहीं मिली और सरकार ने इसके चलते सरकार ने कई गुना मंहगी दरों पर बिजली की खरीदी की। उन्होंने नियम 52 के तहत चर्चा की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को लिखा कि प्रश्न लगाने के बाद 03 फरवरी 2021 को जाँच समिति का गठन किया गया जो घटनाक्रम पर गंभीर संकाओं को जन्म देता है।