By अंकित सिंह | Feb 21, 2023
बिहार में नित्य नए-नए सियासी समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा के जदयू से अलग होने के बाद पार्टी को बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है। उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार के उस बयान पर भी नाराजगी जताई थी जिसमें उन्होंने तेजस्वी यादव को महागठबंधन को लीड करने की बात कही थी। हालांकि, अब ऐसा लग रहा है कि कहीं ना कहीं जदयू भी तेजस्वी को लेकर सहज नहीं है। तभी तो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से तेजस्वी को लेकर जब सवाल पूछा गया तो वह नीतीश के बयान से सहमत नजर नहीं दिखे। ललन सिंह से सवाल पूछा गया कि क्या तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? इसको लेकर उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैंने कब कहा कि तेजस्वी सीएम बनेंगे? ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जदयू अध्यक्ष ललन सिंह की बातों में काफी अंतर दिख रहा है।
नीतीश कुमार कई बार अपने बयान में तेजस्वी यादव को 2025 में महागठबंधन को लीड करने के बाद कह चुके हैं। दरअसल, ललन सिंह पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। 2025 को लेकर उनसे सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी तक किसी का नाम तय नहीं हुआ है। तब का तब देखा जाएगा। अभी 2024 आने वाला है, इसलिए इसी की बात कीजिए। ललन सिंह के बयान से यह जाहिर तो हो ही रहा है कि कहीं न कहीं तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। इसके अलावा उनसे उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे और नई पार्टी की घोषणा पर भी सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह पहले भी ऐसा कर चुके हैं। इसका जदयू पर कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है।
पिछले कई दिनों से राजद की ओर से तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की जा रही है। हालांकि, नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम में साफ तौर पर कह दिया था कि 2025 के बाद तेजस्वी यादव को ही महागठबंधन को लीड करनी है। हालांकि खबर यह भी है कि तेजस्वी यादव को बिहार की बागडोर सौंप कर नीतीश कुमार दिल्ली की राजनीति में 2024 से पहले सक्रिय हो सकते हैं। लेकिन इसकी संभावनाएं काफी कम है। आपको बता दें कि बिहार में राजद फिलहाल सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास 80 विधायक हैं। वहीं नीतीश कुमार के पास सिर्फ 43 विधायक हैं। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह कई बार कह चुके हैं कि 2023 में नीतीश को बिहार की कमान तेजस्वी यादव को दे देनी चाहिए।