By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 05, 2019
पटना। बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चला रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जनता दल यूनाइटिड (जदयू) ने इस साल झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भगवा दल से गठजोड़ नहीं करने और अपने दम पर चुनाव लड़ने का रविवार को ऐलान किया। पार्टी ने यह भी ऐलान किया कि वह भीड़हत्या, भ्रष्टाचार और बलात्कार की घटनाओं से त्रस्त राज्य में एक नया विकल्प देने की कोशिश करेगी। जदयू की झारखंड इकाई के प्रमुख सुलखान मुर्मू ने नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ विचार-विमर्श के एक दिन बाद रविवार को पटना में घोषणा की कि झारखंड विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले अपने बलबूते लड़ेगी।
पटना में बातचीत करते हुए मुर्मू ने कहा, ‘‘ हमारी कोशिश है कि हमझारखंड में अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ें। हम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, यह जीतने वाले उम्मीदवारों की संख्या पर निर्भर करता है। अगर हमें अच्छे उम्मीदवार मिलते हैं तो हम झारखंड की सभी 81 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।’’ उन्होंने कहा कि झारखंड के सभी जिला मुख्यालयों पर 20 अगस्त को ‘नीतीश लाओ झारखंड बचाओ ’अभियान शुरू किया जाएगा और इसके पांच दिन बाद 25 अगस्त को रांची में नीतीश कुमार स्वयं चुनावी बिगुल फूंकेंगे। बिहार में जदयू और भाजपा का लंबे समय से गठबंधन होने के बावजूद मुर्मू ने स्पष्ट किया कि दोनों दलों के बीच झारखंड में कोई गठजोड़ नहीं होगा। उन्होंने यह भी बताया कि जदयू नौ अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ और ‘विश्व आदिवासी दिवस’ की वर्षगांठ के अवसर पर झारखंड में भीड़हत्या (मॉब लिंचिंग), भ्रष्टाचार और बलात्कार की घटनाओं के खिलाफ अभियान छेड़ेगी।
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साथ में, हाल ही में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में मारे गए आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए भी अभियान छेड़ेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा केउहापोह को देखते हुए हमें लगता है कि हम विकल्प हो सकते हैं। बिहार में जदयू, भाजपा और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ गठबंधन सरकार चला रही है। लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर यह गठबंधन विजयी रहा था। भाजपा के साथ अपना गठजोड़ बिहार तक सीमित होने की बात करते हुए अतीत में भी जदयू ने गुजरात और कर्नाटक जैसे भाजपा के गढ़ों में कुछ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था।