By अंकित सिंह | Sep 03, 2022
बिहार की राजनीति इन दिनों काफी गर्म है। भाजपा के साथ गठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार को भी सक्रिय नजर आ रहे हैं। नीतीश कुमार को 2024 चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से भावी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर भी देखा जा रहा है। इन सब के बीच आज पटना में जदयू कार्यालय में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में नीतीश कुमार भी शामिल हुए। पार्टी की बैठक में आज कुछ प्रस्ताव पास किए गए हैं। जदयू के प्रस्ताव में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षी आवाजों को शांत कराने की कोशिश कर रही है; देश में ‘अघोषित आपातकाल’ लगे होने का दावा किया गया।
इसके साथ ही जदयू के प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि देश विकल्प की तलाश में है, सभी विपक्षी दलों को मतभेदों को भुलाकर एकजुट होना होगा। बिहार के मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने कहा कि हमने 2024 के आम चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी एकता के लिए विपक्ष के लोगों से बात करने का फैसला किया है। हालांकि इससे पहले आज ही नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कहा था कि 2024 में पूरा विपक्ष मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़े तो अच्छा होगा। मणिपुर में पार्टी विधायकों के तोड़े जाने पर नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि इस समय देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि 2024 के चुनाव के बाद जनता इन्हें सबक सिखाएगी। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर भी आ सकते हैं जहां उनकी मुलाकात राहुल गांधी और सोनिया गांधी जैसे नेताओं के साथ होगी।
इन सबके बीच आज जदयू कार्यालय पहुंचते ही नीतीश कुमार के पक्ष में जमकर नारेबाजी हुई। नारेबाजी में कहा गया ‘‘देश का नेता कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’’ । नीतीश कुमार ने अपने समर्थकों का विनम्रता से अभिवादन भी स्वीकार किया। हाल के दिनों में ही जदयू प्रदेश कार्यालय के बाहर कुछ पोस्टर लगे थे जिसमें लिखा था ‘‘प्रदेश में दिखा, देश में दिखेगा’’, ‘‘आगाज हुआ, बदलाव होगा’’ जिससे यह स्पष्ट होते नजर आ रहा है कि जदयू नीतीश कुमार को फिलहाल राष्ट्रीय भूमिका में आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है। कुल मिलाकर देखें तो बिहार की पॉलिटिक्स में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। 2024 चुनाव को लेकर बिहार चुनावी अखाड़ा बनता दिखाई दे रहा है।