बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी ने सोमवार को पुष्टि की कि विपक्षी दलों की बहुप्रतीक्षित बैठक यहां 12 जून को होने की संभावना है। बिहार के मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध में अधिकांश दलों के इस ‘‘बेहद महत्वपूर्ण बैठक’’ में भाग लेने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘अब यह लगभग तय हो गया है कि भाजपा के विरोधी अधिकांश दलों की बैठक 12 जून को पटना में होगी’’। चैधरी ने कहा, ‘‘अधिकांश विपक्षी दलों का मानना है कि अगर भाजपा के विरोधी एकजुट होकर लड़ते हैं तो भाजपा 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी।’’
जदयू नेता ने कहा, ‘‘‘यह सच है कि पहल हमारे नेता नीतीश कुमार ने की है लेकिन हम किसी भी श्रेय का दावा नहीं करना चाहते। विपक्षी एकता केवल इसलिए एक वास्तविकता बन रही है क्योंकि हमें समान विचारधारा वाले दलों से समर्थन मिल रहा है।’’ उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के ‘‘नौ साल बेमिसाल’’ अभियान का उपहास उड़ाते हुए कहा, ‘‘पिछले नौ सालों की पहले के समय से कोई तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि इस अवधि के दौरान देश महात्मा गांधी के आदर्शों से भटक गया।’’
सेंगोल विवाद पर चौधरी ने सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया कि राजदंड सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक था। चौधरी ने बेगूसराय के पूर्व सांसद मोनाजिर हसन के जदयू से इस्तीफे पर भी प्रकाश डाला जिन्होंने रविवार को घोषणा की थी कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल हमारी पार्टी ने एक बड़ा सदस्यता अभियान चलाया था। हालांकि हसन ने अपनी सदस्यता को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया था। इसलिए वह जदयू के सदस्य नहीं रह गए थे।