पुणे। केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि एयर इंडिया और अन्य घरेलू एयरलाइनें मुनाफे में चल रही हैं। वैसे सरकार ऋण तले दबी इस एयरलाइन के संभावित निजीकरण पर गौर कर रही है। सिन्हा ने कहा कि सरकार को एयर इंडिया को अच्छी एयरलाइन बनाने के लिए उसमें बदलाव लाना होगा।सरकार के अहम अंग नीति आयोग ने इस राष्टीय वाहक के पूर्ण निजीकरण का प्रस्ताव रखा है। एयर इंडिया पर 52,000 करोड़ रूपये का ऋण है। वैसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घाटे में चल रही इस एयरलाइन के विनिवेश का पक्ष लिया है। केंद्रीय विमानन राज्यमंत्री सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार एयर इंडिया के स्वामित्व के मुद्दे पर चर्चा कर रही है और मंत्रिमंडल इस पर निर्णय लेगा।
उन्होंने कहा, 'वर्तमान आंकड़े बताते हैं कि हमारी एयरलाइनें मुनाफे में चल रही हैं। वे घाटे में नहीं चल रही हैं। एयर इंडिया भी मुनाफे में है।' एयर इंडिया के लिए 2012 में मनमोहन सिंह सरकार ने 10 सालों के लिए 30,000 करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की थी जिस पर वह टिकी हुई है। लेकिन वह अपनी वित्तीय हालत सुधारने में जुटी है।वित्त वर्ष 2015-16में एयरलाइन ने निम्न ईंधन मूल्य और यात्रियों में वृद्धि के चलते 105 करोड़ रूपये का परिचालन लाभ अजर्ति किया था।