म्यांमा में विरोध मार्च के दौरान जापानी पत्रकार को हिरासत में लिया गया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 01, 2022

बैंकॉक,  1 अगस्त(एपी)। म्यांमा में सुरक्षाबलों ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून में सैन्य शासन के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च की कवरेज कर रहे जापान के एक वीडियो पत्रकार को हिरासत में ले लिया है। लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने रविवार को यह जानकारी दी। मार्च का आयोजन करने वाले समूह ‘यांगून डेमोक्रेटिक यूथ स्ट्राइक’ के प्रमुख ताइप फोन ने बताया कि तोक्यो के रहने वाले वृत्तचित्र निर्माता तोरू कुबोता को यांगून में शनिवार को हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान सादी वर्दी में आए पुलिसकर्मियों ने हिरासत में ले लिया।

फोन ने द एसोसिएटेड प्रेस (एपी) को बताया कि शनिवार को निकाले गए विरोध मार्च के दौरान दो प्रदर्शनकारियों को भी गिरफ्तार किया गया और उन्हें यांगून के एक पुलिस थाने में रखा गया है। कई अन्य सरकार विरोधी समूहों ने भी इन गिरफ्तारियों की पुष्टि की। वहीं, म्यांमा स्थित जापानी दूतावास के एक अधिकारी ने एपी से कहा कि एक जापानी नागरिक को हिरासत में लिए जाने की खबर है, लेकिन उन्होंने अतिरिक्त जानकारी देने से इनकार कर दिया।

अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जापानी नागरिक से यांगून के एक पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही है और दूतावास उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है। हालांकि, म्यांमा की सैन्य सरकार ने अभी कुबोता को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की है। लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर खबरें प्रकाशित करने वाले सरकारी अखबारों ने भी इसका जिक्र नहीं किया है। पर मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर मौजूद सेना समर्थक अकाउंट पर कहा गया है कि जापानी नागरिक को तस्वीरें लेने के लिए नहीं, बल्कि एक बैनर के साथ विरोध मार्च में हिस्सा लेने के कारण गिरफ्तार किया गया है।

म्यांमा की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू ची के नेतृत्व वाली निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। देश में तभी से सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। म्यामां के असिस्टेंस एसोसिएशन ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स के आंकड़ों के मुताबिक, देश में सैन्य शासन लागू होने के बाद से कम से कम 2,138 प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए हैं और लगभग 14,917 को गिरफ्तार किया गया है। पिछले हफ्ते चार राजनीतिक कैदियों को फांसी देने के चलते म्यांमा की सैन्य सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

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