नयी दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय से जम्मू कश्मीर की स्थिति पर पेश रिपोर्ट पर करारा जवाब दिया है। भारत ने इस रिपोर्ट को झूठ और राजनीति से प्रेरित विमर्श की निरंतरता बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ओएचसीएचआर पाकिस्तान से होने वाले सीमापार आतंकवाद के मुल मुद्दे की अनदेखी करता है। कुमार ने कहा इस रिपोर्ट में कही गई बातें भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हैं। इस रिपोर्ट में सालों से पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे सीमापार आतंकवाद की वजह से बनी स्थिति का विश्लेषण इसके कारणों का उल्लेख किए बिना किया गया है। यह रिपोर्ट दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ आतंकवाद का खुलेआम समर्थन करने वाले देश की बिना किसी आधार के बराबरी करने का काल्पनिक प्रयास भर है।
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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार इकाई ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर में स्थिति में सुधार में असफल रहे और उसकी पूर्व की रिपोर्ट में जतायी गई कई चिंताओं के समाधान के लिए उन दोनों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये। गौरतलब है संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय ने कश्मीर पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी। उसमें भारत और पाकिस्तान द्वारा गलत कार्यों का उल्लेख किया गया था और उनसे आग्रह किया गया था कि वे लंबे समय से जारी तनाव को कम करने के लिए कदम उठायें। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने उसी रिपोर्ट को अपडेट करते हुए कहा कि कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मई 2018 से अप्रैल 2019 तक की अवधि में नागरिकों के हताहत होने की सामने आयी संख्या एक दशक से अधिक समय में सबसे अधिक हो सकती है।’’