By नीरज कुमार दुबे | Apr 11, 2025
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से तो सुरक्षा बल निबट ही रहे हैं साथ ही प्रशासन आतंकियों के मददगारों और उनके समर्थकों पर भी प्रभावी कार्रवाई कर रहा है। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलिस विभाग के एक ‘वायरलेस ऑपरेटर’ सहित दो और सरकारी कर्मचारियों को आतंकी संबंधों के आरोप में बर्खास्त कर दिया है। अधिकारियों ने कहा है कि अगस्त 2020 में कार्यभार संभालने के बाद से उपराज्यपाल ने 70 से अधिक कर्मचारियों को बर्खास्त किया है, जिसमें आतंकवाद के प्रति ‘‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’’ की नीति पर जोर दिया गया है और इसे बनाए रखने वाले नेटवर्क को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसमें वैचारिक, वित्तीय और साजो सामान की सहायता प्रदान करने वाले शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सेवा से बर्खास्त किए गए दो कर्मचारी जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग में सहायक ‘वायरलेस ऑपरेटर’ बशारत अहमद मीर और लोक निर्माण (सड़क एवं भवन) विभाग में वरिष्ठ सहायक इश्तियाक अहमद मलिक हैं। अलग-अलग बर्खास्तगी आदेशों के अनुसार, सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने कहा कि उपराज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 311 के खंड (दो) के उप-खंड (सी) को लागू करते हुए बिना किसी जांच के दोनों कर्मचारियों की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि श्रीनगर के अपर-ब्रेन इलाके के निवासी बशारत अहमद मीर को 2010 में पुलिस कांस्टेबल ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किया गया था और वह 2017 तक विभिन्न इकाइयों में तैनात रहा। सूत्रों ने कहा कि 2017 के अंत में अदालत के फैसले के बाद उसे कुछ अन्य कांस्टेबल ऑपरेटरों के साथ नौकरी से निकाल दिया गया था, लेकिन अगले वर्ष अदालत के एक अन्य फैसले के बाद उसे फिर से वायरलेस सहायक के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 में विश्वसनीय जानकारी मिली थी कि बशारत अहमद मीर पाकिस्तानी खुफिया गुर्गों के संपर्क में था और विरोधी के साथ महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर रहा था।
दूसरी ओर, पुंछ में पुलिस ने एक भगोड़ा अपराधी की जमीन कुर्क कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हवेली तहसील के बग्याल दारा गांव में मोहम्मद बशीर की छह कनाल जमीन को अदालत के निर्देशानुसार कुर्क कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बशीर के खिलाफ पुंछ थाने में निकास एवं आंतरिक मूवमेंट (नियंत्रण) अध्यादेश के प्रावधानों के तहत एक मामला दर्ज था। अधिकारियों ने कहा कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भाग गया और बाद में उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उसे पकड़ने के लगातार प्रयासों के बावजूद बशीर गिरफ्तारी से बचता रहा, जिसके कारण अदालत ने उसकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया। पुलिस ने राजस्व अधिकारियों के साथ समन्वय कर कुर्की की कार्रवाई की। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई कानून के शासन को बनाए रखने और भगोड़ा अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पुलिस की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। अधिकारियों ने कहा कि मोहम्मद बशीर का पता लगाने और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।