By अंकित सिंह | Jul 19, 2023
पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील में मंगलवार सुबह भारतीय सेना और जेकेपी के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप द्वारा मारे गए चार आतंकवादियों के पास से बरामद पहचान पत्रों से पता चलता है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) समूह के सभी चार जिहादी पाकिस्तानी नागरिक थे। नियंत्रण रेखा के पास राजौरी-पुंछ सेक्टर के सिंदाराह गांव में भारतीय बलों ने भारी हथियारों से लैस चार आतंकवादियों को मार गिराया था। मारे गए जिहादियों के पास से बरामद दस्तावेजों के अनुसार, उनकी पहचान महमूद अहमद, अब्दुल हमीद, मोहम्मद शरीफ हैं और चौथे का नाम अज्ञात है, सिवाय इसके कि वह एलओसी पार करने के बाद मुठभेड़ स्थल के ठीक पार अधिकृत कश्मीर के खुर्शीदाबाद का रहने वाला है।
चारों साजिद जट्ट के नेतृत्व वाले 12 लश्कर आतंकवादियों के एक समूह से संबंधित हैं, जो पीओके में कोटली और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार सियालकोट के बीच काम करते हैं। वे सभी लगभग 23-25 वर्ष की आयु के हैं और जिहाद के कट्टर अनुभवी हैं और पाकिस्तान के पश्चिमी मोर्चे पर लश्कर के हिस्से के रूप में अफगानिस्तान में डूरंड रेखा के पार काम कर सकते हैं। खुफिया जानकारी के अनुसार 12 सदस्यीय समूह पिछले 18 महीनों से राजौरी-पुंछ सेक्टर में काम कर रहा है और पीर पंजाल के दक्षिण के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर क्षेत्रों से घुसपैठ और घुसपैठ करने वाले जिहादियों को सुरक्षित कवर प्रदान करता है। भीषण मुठभेड़ में भारी हथियारों से लैस इन चार विदेशी आतंकवादियों को मंगलवार को ढेर कर दिया गया था।
क्षेत्र की विस्तृत तलाशी ली गई, जिसमें मारे गए आतंकवादियों के शव और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ, जिसमें चार चीनी निर्मित एके असॉल्ट राइफलें औरदो पिस्तौलें शामिल हैं जिनपर पाकिस्तानी चिन्ह हैं। राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर छह के कमांडर ब्रिगेडियर एमपी सिंह ने कहा कि क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ अभियान नए जोश के साथ जारी रहेगा। ब्रिगेडियर सिंह ने नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश करते समय आतंकवादियों के मारे जाने की हाल की घटना का जिक्र करते हुए कहा, यह दिखाता है कि पड़ोसी देश (पाकिस्तान) रुकेगा नहीं और हमारे क्षेत्र में अशांति पैदा करने की कोशिशें जारी रखेगा। हम नहीं रुकेंगे और इलाके में छुपे सभी आतंकवादियों को ढेर करेंगे।