By अभिनय आकाश | Sep 03, 2022
अखिल भारतीय हिंदू महासभा (एबीएचबी) ने यह कहते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया कि उत्तर प्रदेश के बदायूं में जामा मस्जिद परिसर वास्तव में एक टूटे हुए नीलकंठ (शिव) मंदिर पर बना है। याचिका में कहा गया है कि ये पूर्व में एक हिंदू राजा का किला था और मौजूदा जामा मस्जिद को मंदिर को तोड़कर बनाया गया था। दीवानी न्यायालय ने शुक्रवार को 8 अगस्त 2022 को एबीएचबी की याचिका के आधार पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
सिविल कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 15 सितंबर तय करते हुए जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी, यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड, यूपी पुरातत्व विभाग, यूनियन ऑफ इंडिया, यूपी सरकार से बदायूं के जिलाधिकारी और राज्य के मुख्य सचिव के जरिए जवाब मांगा है। एबीएचबी के याचिकाकर्ताओं ने अपने वकील विजय कुमार गुप्ता के माध्यम से कहा है कि जामा मस्जिद मस्जिद को 1222 एडी में शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने बनवाया था और मस्जिद बनाने के लिए एक शिव मंदिर को तोड़ा गया था। परिसर ही एक हिंदू राजा का किला था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एबीएचबी के जिलाध्यक्ष मुकेश सिंह पटेल ने कहा कि हम जानते हैं कि प्राचीन मंदिर से संबंधित लेख लंबे समय से बंद कमरे में पड़े हैं। हमने अदालत से मामला दर्ज करने और सच्चाई सामने लाने के लिए एक सर्वेक्षण करने का अनुरोध किया था।”जामा मस्जिद परिसर कथित तौर पर देश में सबसे बड़े में से एक है जिसमें 23,000 से अधिक लोगों को समायोजित करने की क्षमता है।