By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 05, 2019
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन में आने के लिए विपक्ष पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चोरों का तंत्र देश की सत्ता पर काबिज होने का इच्छुक है। मंत्री ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कोलकाता पुलिस प्रमुख की जांच को लेकर बनर्जी द्वारा दी गई हद से ज्यादा प्रतिक्रिया ने सार्वजनिक बहस के कई मुद्दों को खड़ा कर दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इनमें से सबसे महत्त्वपूर्ण यह है कि चोरों का तंत्र अब देश की सत्ता पर कब्जा करना चाहता है।
फेसबुक पर ‘द क्लेप्टोक्रेट्स क्लब’ शीर्षक से एक पोस्ट में जेटली ने कहा कि पश्चिम बंगाल चिट फंड घोटाला 2012-13 में सामने आया। इसकी जांच उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को सौंप दी थी। जेटली ने सवाल किया कि अदालत ने इस तरह की जांच की निगरानी की। सीबीआई ने पूछताछ की और यहां तक कि कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। कई लोगों को जमानत मिली। अगर पूछताछ के लिए पुलिस के एक अधिकारी की जरूरत पड़ती है तो यह “सुपर इमरजेंसी’’, ‘‘संघवाद पर हमला” या “संस्थानों की बर्बादी’’? कैसे हो जाता है।
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उन्होंने कहा कि यह समझना बहुत भारी भूल होगी कि बनर्जी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि नियमित जांच के दायरे में पुलिस के एक अधिकारी को लाया गया बल्कि उन्होंने ऐसा उच्चतम पद के लिए विपक्ष के अन्य महत्त्वकांक्षी नेताओं से ध्यान हटाने और खुद को भारत के विपक्ष के केंद्र में दर्शाने के लिए किया। शारदा सहित अन्य चिट फंड घोटालों में शहर पुलिस प्रमुख से पूछताछ करने के सीबीआई के प्रयास के खिलाफ बनर्जी रविवार से कोलकाता में धरना पर बैठी हुई हैं।
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जेटली ने कहा कि आज, पश्चिम बंगाल में सीबीआई को बलपूर्वक रोका गया और एक अधिकारी को उसके अधिकार क्षेत्र के भीतर एक अपराध की कानूनी जांच नहीं करने दी गई। यह संघवाद पर राज्य सरकार के हमले का मूल चित्रण है। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठने के बनर्जी के फैसले को कई विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला है जो सत्ता में आने की ख्वाहिशमंद हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर की भ्रष्टाचार के मामले में जांच की जा रही है, मुकदमा चलाया जा रहा है और कुछ मामलों में कुछ को दोषी भी ठहराया जा चुका है।
जेटली ने कहा कि 2019 के चुनाव मोदी बनाम अव्यवस्था या मोदी बनाम अराजकता होंगे। ममता बनर्जी का हालिया नाटक इस बात का सबसे अच्छा सबूत है कि भारत का विपक्ष कैसा सुशासन दे सकता है।