By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 12, 2017
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकारी क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ एक विशेष बैठक में बैंकिंग क्षेत्र के कारोबार की स्थिति का जायजा लिया और कर्ज वसूली की उनकी गंभीर समस्या के समाधान के विषय में चर्चा की। बैठक में सरकार की वित्तीय समावेश योजना की भी समीक्षा की गई। जेटली ने बैठक के बाद संवाददावताओं से कहा कि रिजर्व बैंक दिवाला और शोधन अक्षमता कानून के नियमों के तहत उन फंसे कर्जों की सूची तैयार कर रहा है जिनका समाधान करने की जरूरत है। इसके साथ ही सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के परस्पर विलय और अधिग्रहण की संभावनाओं पर भी काम कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2016-17 में 1.5 लाख करोड़ रुपये का 'परिचालन लाभ' अर्जित किया है। उन्हें ने इसे ठीकठाक बताया औार कहा कि तमाम तरह के प्रावधान किये जाने के बाद इन बैंकों का शुद्ध लाभ 574 करोड़ रपये रहा है। वित्त मंत्री ने यह माना कि बैंकों के ऋण कारो बार का विस्तार न होना एक चुनौती बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी लंबित एनपीए मामलों का समाधान किया जाना समय की जरूरत है। महाराष्ट्र सरकार की किसान ऋण माफी योजना के बारे में एक सवाल पर वित्त मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि जो भी राज्य कृषि ऋण माफी करना चाहते हैं उन्हें इस कार्य के लिये धन अपने ही संसाधनों से जुटाना होगा।