By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 30, 2019
मुंबई। वित्त मंत्री अरुण जेटली की परिस्थितयों को लेकर गहरी समझ से देश में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) और दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता जैसे प्रभावशाली सुधारों को अमल में लाया जा सका है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने बुधवार को यह बात कही। नई सरकार के शपथग्रहण समारोह से एक दिन पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों से उन्हें नई सरकार में शामिल नहीं किये जाने का अनुरोध किया है। सुब्रमणियम ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि मेरा मानना है कि उनकी इस तरह के (जीएसटी जैसे) मुश्किल सुधारों को आगे बढ़ाने की क्षमता काफी सराहनीय है। दिवाला कानून भी इसी तरह का सुधार है जिसके लिये उन्हें याद किया जायेगा।
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उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने में जेटली की अहम भूमिका रही है। जीएसटी परिषद में उनके नेतृत्व की हर किसी ने सराहना की है। बहरहाल, जेटली ने पिछले कुछ दिनों से चल रही अटकलों को समाप्त करते हुये ट्विटर पर एक पत्र पोस्ट किया जो कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा। पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से प्रधानमंत्री से नई सरकार में कोई जिम्मेदारी नहीं दिये जाने का अनुरोध किया है। आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को मिली भारी सफलता के बाद जेटली ने मौखिक तौर पर भी अपनी स्थिति प्रधानमंत्री को बता दी थी। अपनी बीमारी के बारे में खलासा किये बिना जेटली ने कहा कि वह बाहर रहकर भी सरकार और पार्टी को समर्थन देते रहेंगे।