By अभिनय आकाश | May 06, 2024
अमेरिका पिछले कुछ वक्त से भारत के खिलाफ बयानबाजी करता आ रहा है। कुछ वक्त पहले उसने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भी सवाल खड़े किए थे। अब जवाब देने की बारी भारत की थी। विरोध प्रदर्शनों के संबंध में भारत की पश्चिमी आलोचना के पिछले उदाहरणों पर कटाक्ष करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि किसी को अपने टेलीविजन स्क्रीन पर अमेरिकी परिसरों की तस्वीरें देखनी चाहिए। जयशंकर हाल के दिनों में अमेरिकी परिसरों में इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई का जिक्र कर रहे थे। इज़राइल विरोधी प्रदर्शनों की लहर के बाद कई अमेरिकी परिसरों पर कब्ज़ा हो गया, प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कुछ परिसरों में पुलिस तैनात की गई। कई मौकों पर, पुलिस कर्मियों की उनकी सख्ती के लिए आलोचना की गई क्योंकि प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प के दृश्य सामने आए।
जयशंकर ने द इकोनॉमिक टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को लेकर पश्चिम देश उपदेश देते हैं वो खुद को नहीं देखते। ऐसे लोग हैं जिन्होंने कहा कि आपको प्रदर्शनों में खलल डालने के लिए कुछ भी नहीं करना चाहिए, भले ही इससे जनता को असुविधा हो, सड़कें अवरुद्ध हों। जब बात उनकी अपनी हो तो वे इसे कैसे संभाल रहे हैं? जयशंकर ने आगे कहा कि भारत में जब भी कोई आंदोलन होता है तो जनता से कैसे निपटना है, इस पर हमें बहुत सारे व्याख्यान मिले। मैं आपको आज टेलीविजन स्क्रीन पर तस्वीरें देखने के लिए आमंत्रित करता हूं। वे क्या उपदेश देते हैं, क्या व्यवहार करते हैं, उनका एजेंडा क्या है, उनकी निष्पक्षता क्या है, या उसका अभाव है?
भारतीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि विभिन्न हितों वाले स्वयंभू लोग हैं। प्रेस की स्वतंत्रता और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) जैसे मुद्दों पर पश्चिमी हलकों में भारत की आलोचना का उल्लेख करते हुए जयशंकर ने पूछा कि इन लोगों को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जा रहा है। उन्होंने इस तरह की आलोचना को "राजनीतिक हिटजॉब" करार दिया। ऐसे लोग हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि सीएए के कारण लाखों मुसलमान अपनी नागरिकता खो देंगे।