By अभिनय आकाश | Aug 20, 2022
भारत के विजेश मंत्री वैसे तो अपनी हाजिर जवाबी और वाकपटुता के लिए जाने जाते हैं। लेकिन अब भारत ने अमेरिका के दो मुंहे चेहरे को आइना दिखा दिया है। अमेरिका अपनी किसी भी नीति में किसी किस्म का कोई बदलाव नहीं करता। लेकिन दूसरे देशों पर उसकी नीति में तब्दिली के लिए दबाव डालता है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर थाईलैंड के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने भारत और चीन के मौजूदा संबंधों से लेकर रूस से कच्चा तेल खरीदने के मामले पर एक बार फिर रुख स्पष्ट किया।
दूर के लोग कभी भी पल्ला झाड़ सकते हैं
अमेरिका के बाहर निकलने के बाद अफगानिस्तान की स्थिति का उल्लेख करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने म्यांमार के साथ भारत के संबंधों का बचाव किया और कहा कि मैं दूर बैठे लोगों की तुलना में ऐसे लोगों पर विश्वास करता हूं, जो पास होते हैं क्योंकि दूर के लोग कभी भी पल्ला झाड़ सकते हैं। हमने अफगानिस्तान में यह देखा है। जब आप निकट पड़ोसी होते हैं तो दूर बैठे लोगों की तुलना में आपकी समझ और हित बहुत अलग हो जाते हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत म्यांमार के साथ अपने संबंधों का प्रबंधन करेगा क्योंकि भारत के लिए लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षा का समर्थन करना स्वाभाविक है।
एशियाई शताब्दी तब होगी जब चीन और भारत साथ आएंगे
जयशंकर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि एशियाई शताब्दी तब होगी जब चीन और भारत साथ आएंगे लेकिन यदि भारत और चीन साथ नहीं आ सके तो एशियाई शताब्दी मुश्किल होगी। उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने सीमा पर जो किया है, उसके बाद इस समय (भारत-चीन) संबंध अत्यंत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।’’ चीन और भारत के सैनिक पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से गतिरोध की स्थिति में हैं।