जयशंकर के साथ बैठक में ब्लिंकन ने भारत को अमेरिका का मजबूत सहयोगी बताया

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 09, 2022

नयी दिल्ली|  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को बाली में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत की जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान के कारण उत्पन्न वैश्विक खाद्य एवं ऊर्जा संकट के बारे में चर्चा हुई।

जयशंकर जी-20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली गए हुए हैं, जहां वे सम्मेलन से इतर विभिन्न देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा कर रहे हैं। इसी क्रम में जयशंकर ने ब्लिंकन के साथ विविध चुनौतियों को लेकर ‘‘बेहतर समझ और खुलेपन’’ के साथ चर्चा की।

बैठक के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि ब्लिंकन और जयशंकर ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के बिना किसी उकसावे के आक्रमण करने से जुड़े वैश्विक प्रभावों से निपटने के लिये मिलकर काम करने के प्रयासों के बारे में चर्चा की।

इसमें कहा गया है कि ब्लिंकन ने भारत के समृद्धि के लिये हिंद प्रशांत आर्थिक ढांचा में शामिल होने के निर्णय का स्वागत किया। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, ब्लिंकन अगले वर्ष जी20 समूह की भारत की अध्यक्षता को लेकर आशान्वित हैं।

बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ इस बार बाली में जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में ब्लिंकन के साथ वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत जारी रही... हमारे संबंध आज हमें विविध प्रकार की चुनौतियों को लेकर बेहतर समझ एवं खुलेपन के साथ चर्चा करना सुगम बना रहे हैं।’’

समझा जाता है कि जयशंकर एवं ब्लिंकन की बैठक में यूक्रेन का मुद्दा भी सामने आया। अपने शुरूआती बयान में ब्लिंकन ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान के कारण वैश्विक खाद्य एवं ऊर्जा संकट और खराब हो गया है।

उन्होंने साथ ही भारत को अमेरिका का मजबूत सहयोगी बताया। वहीं, जयशंकर ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षो में भारत-अमेरिकी संबंधों में वास्तव में कुछ उल्लेखनीय घटनाक्रम देखने को मिले हैं। दूसरी ओर, अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हम यहां जी20 बैठक में साथ हैं, जोदुनिया के सामने पेश आ रही कुछ महत्वपूर्ण समस्याओं एवं चुनौतियों से निपटने की दिशा में प्रयास करने वाला अहम संस्थान है। ब्लिंकन ने कहा कि हमारे पास उन क्षेत्रों में भी साथ मिलकर काम करने का अवसर भी है जो हमारे लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे यह असुरक्षा, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन जैसा चुनौतिपूर्ण पक्ष हो, या वृद्धि, रोजगार, प्रगति , लोगों के जीवन से जुड़ा विषय हो...इन सभी के लिये जी20 एक महत्वपूर्ण संस्थान है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि आक्रमण के कारण 7.1 करोड़ लोग गरीबी के दायरे में आ गये हैं।

उन्होंने रूसी आक्रमण का उल्लेख करते हुए कहा कि वह समझते हैं कि जो उन्होंने सुना है, उसके बारे में पूरी दुनिया में चर्चा है। इस बात की भी चर्चा हो रही है कि यह आक्रमण खत्म होना चाहिए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज ही इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लॉवरोव के साथ बातचीत की।

इसमें यूक्रेन संकट और अफगानिस्तान की स्थिति जैसी वैश्चिक चुनौतियों सहित द्विपक्षीय संबंधों के बारे में चर्चा हुई। भारत ने अभी तक यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान की निंदा नहीं की है और उसका मानना है कि संकट का समाधान कूटनीति एवं बातचीत के जरिये निकाला जाना चाहिए।

पिछले कुछ महीनों में भारत ने रूस से सस्ते कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है।

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