By अनन्या मिश्रा | May 11, 2023
ऐसे तो हमारे देश में न जानें कितने भगवान गणपति के मंदिर हैं। इस सभी मंदिरों का अपना इतिहास व रहस्य रहा है। इन मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वाले हर भक्त की इच्छा को भगवान गणेश पूरा करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में देव गणेश जागृत अवस्था में मौजूद हैं। भगवान गणेश जी का यह मंदिर शिवपुरी जिले के पोहरी तहसील के किले में स्थापित है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी की दूरी पर स्थित है।
पोहरी तहसील के किले में गणपति का नाम इच्छापूर्ण गणेशजी है। श्रद्धालु इनको श्रीजी के नाम से भी पुकारते हैं। यहां पर मौजूद जागृत गणेशजी आने वाले हर भक्त की इच्छा को पूरा करते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण 286 साल पहले साल 1737 में हुआ था। सिंधिया स्टेट की जागीरदार बालाबाई सीतोले ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
बताया जाता है कि सुतोले खुद ही पुणे से गणपति की मूर्ति को यहां लेकर आई थीं। फिर किले में मंदिर का निर्माण कर भगवान गणेश की मूर्ति को यहां स्थापित किया गया था। जिससे कि जब भी वह खिड़की से झांके तो उनको गणपति बप्पा के दर्शन हो सकें।
मनचाहे वर की होती है प्राप्ति
मान्यता के अनुसार, यदि लड़कियां श्रीजी के मंदिर जाकर सच्चे मन से भगवान गणेशजी की प्रार्थना करती हैं, तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। इसलिए यहां पर कुंवारी लड़कियां बप्पा से गुहार लगाने के लिए मंदिर पहुंचती हैं। हालांकि मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए लड़कियों को भगवान गणेश के सामने होने वाले वर के गुणों का बखान करना होता है और बप्पा को श्रीफल चढ़ाना होता है। ऐसा करने से विघ्नहर्ता गणेश लड़कियों की मनोकामना को शीघ्र पूरा कर देते हैं।
सम्मोहित हो जाते हैं भक्त
इच्छापूर्ण गणेशजी की मूर्ति को यदि कोई भी श्रद्धालु मन भर कर देख ले, तो उसकी इच्छा खुद-ब-खुद बप्पा के सामने जाहिर हो जाती है। वहीं भगवान गणेशजी की मनमोहक मूर्ति भक्तों को अपने मन की बात बोलने पर विविश कर देती है। वहीं भक्तों द्वारा प्रार्थना किए जाने पर श्रीजी अपने भक्तों की मनोकामना पूरी कर देते हैं। बता दें कि गणपति के दर्शन के लिए न सिर्फ देश बल्कि विदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं।