By अभिनय आकाश | Apr 15, 2025
पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया के एकमात्र ऐसे देश हैं, जहां पोलियो वायरस अभी भी मौजूद है। वायरस की मौजूदगी का एक कारण यह है कि लोग अपने बच्चों को टीका लगवाने से मना कर देते हैं। पोलियो स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी टारगेटेड हत्याओं और आतंकवादी समूहों द्वारा हमलों के शिकार हुए हैं। ताजा मामले में पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में अज्ञात बंदूकधारियों ने पोलियो का टीका लगाने वाले दो कर्मियों का बंदूक दिखा कर अपहरण कर लिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पोलियो का टीका लगाने वाले कर्मी मुहम्मद आसिफ और रजा मुहम्मद को हथियारबंद लोगों ने कुलाची से डेरा इस्माइल खान जा रही एक यात्री बस से उतार दिया और अज्ञात स्थान पर ले गए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान दुनिया के एकमात्र ऐसे देश हैं जहां पोलियो अभी भी महामारी बना हुआ है। किसी भी समूह ने अभी तक अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है। पाकिस्तान में पोलियो की खुराक से इनकार के मामले एक बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान के समान ही अफगानिस्तान में भी पोलियो-रोधी टीकाकरण अभियान चल रहा है और ये कहीं अधिक बड़ा कार्यक्रम है। तालिबान बच्चों को टीका लगाने के लिए घर-घर जाकर टीमें भेज रहा है। अफगानिस्तान में बच्चों को टीका लगा रहा है और वे कुछ सालों में वायरस को जड़ से मिटा देंगे।
पाकिस्तान का आर्थिक केंद्र और सिंध प्रांत की राजधानी, पोलियो वैक्सीन से इनकार करने वाले परिवारों की सबसे बड़ी संख्या वाला शहर बनकर उभरा है। देश के संघीय स्वास्थ्य मंत्री मुस्तफा कमाल ने चौंकाने वाले आंकड़े बताए। कराची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कमाल ने खुलासा किया कि शहर के 85 प्रतिशत परिवारों ने पोलियो विरोधी अभियानों के दौरान अपने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने से इनकार कर दिया। कमाल ने कहा कि वर्तमान में पाकिस्तान में 44,000 परिवारों ने अपने बच्चों के लिए पोलियो वैक्सीन लेने से मना कर दिया है, जिनमें से 34,000 मामले अकेले कराची में हैं। यह 85 से 90 प्रतिशत इनकार दर को दर्शाता है। उन्होंने कराची में पोलियो वायरस की मौजूदगी और बच्चों में शारीरिक विकलांगता को रोकने में टीकाकरण के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया। कमाल ने जोर देकर कहा कि अपने बच्चों को टीका न लगवाना एक अपराध है।