By अंकित सिंह | Nov 09, 2024
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राज्य में ताजा घटनाक्रम में आयकर विभाग ने हेमंत सोरेन के निजी सलाहकार सुनील श्रीवास्तव और उनसे जुड़े कई लोगों के खिलाफ छापेमारी की। रिपोर्टों में बताया गया है कि श्रीवास्तव से जुड़े 16-17 स्थानों पर छापे मारे गए, जिनमें उनके परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के घर भी शामिल थे। फिलहाल विभिन्न स्थानों पर छापेमारी चल रही है, जिसमें रांची में सात और जमशेदपुर में नौ जगहें शामिल हैं, जिनमें जमशेदपुर स्थित अंजनिया स्टील और अन्य संबंधित प्रतिष्ठानों के परिसर भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के आरोपों को लेकर यह छापेमारी की है। विभाग को प्राप्त जानकारी से संकेत मिलता है कि श्रीवास्तव कर भुगतान से संबंधित कुछ विसंगतियों में शामिल थे, जिसके बाद विभाग को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया गया। श्रीवास्तव के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा की सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां राज्य में पैर जमाने के लिए भाजपा का रास्ता हैं।
कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने कहा कि यह झारखंड के लिए कोई नई बात नहीं है। राज्य में विपक्षी नेताओं और उनके निजी कर्मचारियों पर लगातार आईटी छापे मारे जा रहे हैं। भाजपा अब केवल आईटी और ईडी छापों के माध्यम से अपना पैर जमाने की कोशिश कर रही है। यहां के लोगों ने उन्हें पहले ही खारिज कर दिया है। इस तरह की कार्रवाई से वे सिर्फ विपक्षी नेताओं पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। 26 अक्टूबर को, आयकर विभाग ने राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान हवाला प्रणाली के माध्यम से किए गए वित्तीय लेनदेन को लक्षित करते हुए रांची, जमशेदपुर, गिरिडीह और कोलकाता में तलाशी ली थी। इन छापों में संदिग्ध हवाला ऑपरेटरों से लगभग 150 करोड़ रुपये की बेहिसाब संपत्ति और निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए।