By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 01, 2022
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने रविवार को गांवों के शहरीकरण के कारण उत्पन्न होने वाले मुद्दों से निपटने के लिए एक नीति की जरूरत पर जोर दिया। पवार महाराष्ट्र में पुणे जिला परिषद के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने स्थानीय निकायों के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला। राज्य के 81 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी जिला परिषद का चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन जन्म के पांच दिन बाद ही वह एक स्थानीय निकाय की बैठक में गए थे, क्योंकि उनकी मां स्थानीय निकाय की सदस्य थीं जो उन्हें अपने साथ वहां लेकर गई थीं। पवार ने कहा, “गांवों के शहरीकरण के कारण उत्पन्न होने वाले मुद्दों से निपटने के लिए एक नीति की जरूरत है।
शहरीकरण से स्थानीय प्रशासनों पर दबाव बढ़ रहा है जो कोष से संबंधित मुद्दों का भी सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार और केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों की जरूरतें बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि पहले पानी की सीमित जरूरत थी, लेकिन अब स्थानीय निकाय हर घर में पानी पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे व्यवस्था पर दबाव पड़ रहा है। बिजली की मांग भी बढ़ रही है और महाराष्ट्र में इस सेक्टर पर संकट मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, “इस पर जब हमारी बैठक हुई, तो कुछ अधिकारियों ने हमें बताया कि ग्राम पंचायतें बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रही हैं। जब मैंने जांच की, तो मैंने इसे सही पाया।” पवार ने गांवों में सीबीएसई स्कूलों को लेकर लोगों की मांग पर भी प्रकाश डाला। पवार ने कहा कि उन्हें हाल में पता चला है कि राज्य के 28 पूर्व जिला परिषद सदस्य विधायक बने, पांच मंत्री बने और एक सांसद भी बना।
पवार ने कहा, “मैंने कभी भी जिला परिषद में काम नहीं किया और न ही कभी उसका चुनाव लड़ा, लेकिन स्थानीय निकाय की एक बैठक में गया। मेरी मां 1938 में एक स्थानीय निकाय के लिए चुनी गईं और वह 1952 तक इसकी सदस्य रहीं। मेरा जन्म 12 दिसंबर 1940 को हुआ था और मेरे जन्म के पांच दिन बाद मेरी मां मुझे स्थानीय निकाय की बैठक में ले गईं।