इसरो की एक और उपलब्धि, संचार उपग्रह सीएमएस-01 कक्षा में हुआ स्थापित

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 17, 2020

श्रीहरिकोटा। इसरो के भरोसेमंद रॉकेट पीएसएलवी-सी50 ने बृहस्पतिवार को भारत के नवीनतम संचार उपग्रह सीएमएस-01 को कक्षा में स्थापित कर दिया। उपग्रह के जरिए अंडमान निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समेत भारत के विभिन्न हिस्सों में फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम के विस्तारित सी बैंड की सेवाएं मिलेंगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि उपग्रह का जीवन काल सात साल का होगा।

इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि ‘उपग्रह’ अच्छे से काम कर रहा है। उन्होंने मिशन नियंत्रण केंद्र से वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि उपग्रह का सोलर पैनल काम करने लगा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि पीएसएलवी-सी50 ने पूर्व निर्धारित कक्षा में बेहद सटीकता से संचार उपग्रह सीएमएस-01 को स्थापित कर दिया। अब से अगले चार दिन में उपग्रह जीटीओ (जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट) में निर्धारित स्थान ले लेगा।’’  

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सिवन ने कहा कि यह उपग्रह 11 साल पहले प्रक्षेपित संचार उपग्रह जीसैट-12 का स्थान लेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, उपग्रह का जीवनकाल सात साल से ज्यादा का होगा। 

अंतरिक्ष एजेंसी के प्रक्षेपण से जुड़ी टीमों को बधाई देते हुए अध्यक्ष ने कहा,‘‘मैं आश्वस्त हूं कि उपग्रह पूरी कामयाबी से काम करेगा।’’ इसरो के भविष्य के अभियानों-चंद्रयान-तीन, महत्वाकांक्षी मिशन आदित्य एल-एक और गगनयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द मिशन को अंजाम देने की योजनाएं बना रहे हैं। इसमें बहुप्रतीक्षित जीएसएलवी और एसएसएलवी अभियान भी शामिल हैं। सिवन ने कहा, ‘‘आगे कई सारे अभियान हैं और हमेशा की तरह इसरो की टीम को सफलता मिलती रहेगी।’’ 

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पीएसएलवी-सी50 एक्सएल संरचना (छह स्ट्रेप ऑन मोटर से लैस) में पीएसएलवी की 22 वीं उड़ान है और श्रीहरिकोटा से 77 वीं बार प्रक्षेपण यान को प्रक्षेपित किया गया है। श्रीहरिकोटा चेन्नई से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कोविड-19 महामारी के बीच इसरो के इस साल के पहले अभियान में पीएसएलवी सी-49 (ईओएस) पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह और नौ अन्य उपग्रहों को सात नवंबर को प्रक्षेपित किया गया था।इसरो के लिए आज का प्रक्षेपण 2020 का अंतिम अभियान है।

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