By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 15, 2022
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के इकलौते विधायक नौशाद सिद्दीकी ने शुक्रवार को कहा कि वह 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे, क्योंकि इस पद के लिए दोनों उम्मीदवारों में से कोई भी उनकी पार्टी की पसंद का नहीं है। उन्होंने कहा कि आईएसएफ कभी भारतीय जनता (भाजपा) पार्टी नीत राजग उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेगा, जबकि विपक्ष का उम्मीदवार भी उसे स्वीकार्य नहीं है क्योंकि उनके पहले भाजपा से संबंध रह चुके हैं। सिद्दीकी ने कहा कि आईएसएफ की अपनी विचारधारा है और वह उसी के साथ आगे बढ़ेगी।
आईएसएफ विधायक ने कहा, ‘‘दोनों में से कोई भी उम्मीदवार हमारी पसंद का नहीं है। द्रौपदी मुर्मू भाजपा प्रत्याशी हैं जबकि दूसरे उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी भाजपा के पूर्व नेता हैं।’’ उन्होंने कहा कि सिन्हा ने 2002 में गुजरात साम्प्रदायिक दंगों के बाद नरेंद्र मोदी का समर्थन किया था और आईएसएफ वाम मोर्चा एवं कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों की आम सहमति से उम्मीदवार बनने के बावजूद उनका समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि आईएसएफ ने 2021 का पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव वाम मोर्चा और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था तो इसका यह मतलब नहीं है कि उसे उनके द्वारा चुने गए उम्मीदवार का समर्थन करना पड़ेगा।’’ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा के अलावा आईएसएफ इकलौती विपक्षी पार्टी है जिसने एक सीट पर जीत हासिल की थी।
इसके सहयोगियों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा और कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। राज्य विधानसभा चुनाव से पहले हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ के मौलवी अब्बास सिद्दीकी ने यह पार्टी बनायी थी। सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि भाजपा देश के हितों को नुकसान पहुंचा रही है और दुनियाभर में उसकी छवि धूमिल कर रही है। उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणियों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘भाजपा ने विदेश में भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।