By दीपक कुमार त्यागी | Jan 13, 2020
हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि युद्ध की हनक भी बहुत भयंकर त्रासदी लेकर आती है, ना जाने कितने लोग अहंकार के चलते होने वाले इस टकराव में एक पल में असमय काल का ग्रास बन जाते हैं। जिसका ताजा उदाहरण ईरान व अमेरिका का तनाव है। जबसे अमेरिकी सेना ने ईरान के सेना के टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी को अपने ड्रोन हमले में मौत के घाट उतारा है तब से ही जिस तरह से ईरान के द्वारा "युद्ध लड़ने की हनक, बदला लेने की सनक" बेहद आक्रामक अंदाज में जारी थी वह 176 निर्दोष यात्रियों व उनके परिजनों को हमेशा के लिए गहरे जख्म दे गयी है। क्योंकि जिस तरह से ईरान ने मानवीय भूल के चलते यूक्रेन के यात्री विमान पर मिसाइल से हमला किया था, जिसके चलते इसमें सवार सभी 176 यात्रियों की मौत हो गई मारे गए लोगों में ईरान के 82, कनाडा के 63, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफ़गानिस्तान के 4, जर्मनी और ब्रिटेन के तीन-तीन लोगों की जिंदगियों को असमय लील लिया गया है। यह स्थिति सभ्य शांतिप्रिय समाज के लिए बहुत ही चिंताजनक है, आप बदला लेने के लिए इतने उतावले व अंधे हो जाते हो कि सही व गलत तक का निर्णय भी समय रहते नहीं कर पाते हो।
आपको बता दें कि जब से ईरान की राजधानी तेहरान के पास पिछले बुधवार को यूक्रेन का एक यात्री विमान हादसे में क्रैश हुआ था। जिसे उस समय ईरान सरकार के द्वारा हादसा करार दिया जा रहा था, लेकिन हादसे के बाद से ही अमेरिका व कुछ अन्य देशों के द्वारा इस बात की आशंका जताई जाने लगी थी कि कहीं किसी ने इस विमान को साजिशन तो नहीं मार नहीं गिराया है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त यूक्रेन के इस विमान में 176 लोग मौजूद थे जिनमें से कोई भी जीवित नहीं बचा पाया था। यह हादसा ईरान में तेहरान एयरपोर्ट के पास हुआ था, जिसकी शुरुआती जांच के मुताबिक ये कहा जा रहा था कि हादसा प्लेन में तकनीकी खराबी के चलते हुआ है। लेकिन अमेरिका व ईरान के तनाव पूर्ण माहौल के वक्त हुए इस दर्दनाक हादसे के समय को देखते हुए लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं लगातार चल रही थीं कि यह यात्री विमान हादसा नहीं बल्कि ईरान व अमेरिका के हालात के चलते किसी के षड्यंत्र का शिकार हुआ है।
इसे भी पढ़ें: मध्यपूर्व में सबसे ज्यादा मिसाइल पावर वाले देश ईरान से मुकाबला आसान नहीं
इस हादसे को लेकर विश्व समुदाय के बीच तरह-तरह की आशंकाएं बलवती होती जा रही हैं। हादसे के बाद बृहस्पतिवार को ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपने खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि विमान ईरान की मिसाइल टकराने से ही दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। लेकिन शनिवार को ईरान सरकार के कबूलनामे के बाद अब विश्व समुदाय की वो शंका एकदम सही निकली है। ईरान की सरकार ने अपने बयान में इसे इंसान के द्वारा की गयी मानवीय भूल बताया है। हालांकि इससे पहले ईरान ने हादसे के दो दिन बाद तक विमान पर किसी भी तरह के मिसाइल हमले की बात से विश्व समुदाय के सामने लगतार इनकार किया था, उसने इस हादसे को तकनीकी खराबी के चलते होने वाली मात्र एक दुर्घटना बताया था। ईरान ने अमेरिका, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन से विमान हादसे पर किये जा रहे दावों के सबूत सौंपने के लिए कहा था, लेकिन शनिवार को आखिरकार ईरानी सरकार ने अपनी गलती कबूलते हुए कहा कि यूक्रेन का जो यात्री विमान 8 जनवरी 2020 को तेहरान के एयरस्पेस में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें 176 यात्रियों की मौत हो गयी थी, उसको गलती से मार गिराया गया।
ईरानी सेना के अनुसार यह यात्री विमान ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स के बेस के काफी नजदीक उड़ान भर रहा था। ऐसे में इसके उड़ान भरने का ढंग और ऊंचाई देखकर मानवीय भूल के चलते यह विमान ईरानी सेना के द्वारा दुश्मन के टारगेट के तौर पर चिन्हित कर लिया गया और इसी वजह से ईरान के द्वारा विमान पर मिसाइल दागी गईं। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने अपनी कूटनीतिक चाल चलते हुए इस यात्री विमान हादसे के लिए अमेरिका को भी जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका के दुस्साहस की वजह से हुआ है। ईरानी सेना ने अपने बयान में कहा है कि उसे अमेरिका की तरफ से अपने संवेदनशील रक्षा क्षेत्रों और अन्य ठिकानों पर हमले की सटीक जानकारी मिली थी। जिसके चलते ईरान की एंटी-एयरक्राफ्ट यूनिट्स ने बहुत ज्यादा संवेदनशील तरीके को अपनाते हुए मानवीय भूल के चलते यूक्रेन के इस यात्री विमान को मार गिराया।
शनिवार को ईरानी सेना के इस कबूलनामे के बाद अब ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने एक ट्वीट करके कहा है कि, “सेना की आंतरिक जांच में सामने आया है कि मानवीय भूल के चलते मिसाइल हमले में यूक्रेन का विमान क्रैश हुआ और 176 लोगों की मौत हुई। इस बड़ी त्रासदी और अक्षम्य घटना के जिम्मेदारों की पहचान और उन पर कार्रवाई के लिए जांच जारी रहेगी। ईरान इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा दुख व्यक्त करता है। मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदना"। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हर समय युद्ध के लिए उतावले रहने वाले देशों को एक बार पुनः विचार करना होगा कि "युद्ध की हनक व बदला लेने की सनक" में वो कब तक इंसान व इंसानियत के दुश्मन बने रहेंगे। इस पर दुनिया के सभी मठाधीशों को सच्चे मन से विचार करना होगा।
-दीपक कुमार त्यागी
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार व स्तंभकार हैं।)